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स्कूल कॉलेज और विश्विद्यालयों में आपदा प्रशिक्षण केंद्र खुले , गंगा किनारे बसे गांव के लोगों को तैराकी सिखाई जाय : डॉक्टर रंजीत कुमार सिंह

आपदा जोखिम कम करने और जलवायु अनुकूलन विषय पर दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय गया में परिचर्चा एवम प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

चुन्नु सिंह

गया (बिहार)

दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सी यू एस बी) गया में आपदा जोखिम को कम करने और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन में युवाओं को शामिल करने वाली विषय पर 29 अप्रैल 2024 को शुरू किया गया प्रशिक्षकों की प्रशिक्षण शिविर कार्यक्रम 03 मई 2024 को गया में हीं समाप्त हो गई ।

इस अवसर पर (सी यू एस बी) के माननीय कुलपति प्रो के. एन. सिंह ने विविध भौगोलिक क्षेत्रों और भारत में आपदा के खतरों पर प्रकाश डालते हुए एक विचारोत्तेजक अध्यक्षीय भाषण दिया। उन्होंने सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने में विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और आपदा तैयारियों और प्रतिक्रिया में आत्मनिर्भरता का आग्रह किया।

 

उद्घाटन सत्र का समापन करते हुए (सी यू एस बी) में छात्र कल्याण डीन प्रो पवन मिश्रा ने सभी प्रतिभागियों , वक्ताओं और आयोजकों को उनके अमूल्य योगदान के लिए आभार वयक्त किया । उन्होंने कार्यक्रम के परिणामों के बारे में आशावाद वयक्त किया और आपदा और जलवायु अनुकूलन प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए (सी यू एस बी) की प्रतिबद्धता दोहराई ।

झारखंड के साहिबगंज जिले के राजमहल मॉडल

कॉलेज के प्राचार्य और प्रतिभागी डॉक्टर रंजीत कुमार सिंह ने फीडबैक व्याख्यान और सुझाव में कहा आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण एन एस एस के विशेष शिविर में शामिल होना चाहिए । साथ ही कहा की गोद लिए गांव को आपदा प्रबंधन प्रशिक्षित आदर्श विलेज बनाए हम । उन्होंने मांग की कि “सभी स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय” में आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण केंद्र खुलने चाहिए । साथ ही जिले में गंगा किनारे गांव को लोगों को तैराकी सिखानी चाहिए। उन्होंने अपने व्यापक अनुभव व्यावहारिक दृष्टिकोण को साझा किया । डॉक्टर रंजीत कुमार सिंह ने सामुदायिक भागीदारी के महत्व को रेखांकित किया और प्रभावी आपदा जोखिम में कमी के उपाय के प्रभाव को स्पष्ट करने के लिए वास्तविक जीवन का उदाहरण साझा किया

उद्घाटन सत्र का समापन करते हुए, (सी यू एस बी) में छात्र कल्याण के डीन प्रो पवन मिश्रा ने सभी प्रतिभागियों, वक्ताओं और आयोजकों को उनके अमूल्य योगदान के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कार्यक्रम के परिणामों के बारे में आशा व्यक्त किया और आपदा और जलवायु अनुकूलन प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए (सी यू एस बी) , की प्रतिबद्धता दोहराई।

अंतिम में डॉ रणजीत कुमार सिंह के द्वारा दिए गए सुझाव को कुलपति और भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधिकारी के द्वारा जल्द ही पूरे देश लागू होने की बात कही।

साहिबगंज कॉलेज साहिबगंज से प्रो कुमार प्रशांत एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी ने भी भाग लिया।

कार्यक्रम राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (NIDM) और (NSS) इकाई दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय ,गया के सहयोग से 29 अप्रैल 2024 से 03 मई 2024 तक आयोजित किया गया था ।

कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं के द्वारा कई रंगा रंग कार्यक्रम भी किए गए ।

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