फिल्म

मोबाइल फिल्म-मेकिंग पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

  • 25 ग्रामीण युवतियों को फिल्म निर्माण की कला सिखाने के लिए एसआईएमसी, एनएफडीसी और पीआईबी ने सहयोग किया
    मुंबई। चौथी वाई -20 परामर्श बैठक शनिवार को पुणे में सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (एसआईयू), लावले में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित की गई। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर मुख्य अतिथि थे।
    परामर्श बैठक के दौरान और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का जश्न मनाने के प्रयास के तहत सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन, पत्र सूचना कार्यालय, मुंबई और राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से मोबाइल फिल्म-मेकिंग पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 9 और 10 मार्च 2023 को सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन (एसआईएमसी), लावले में किया गया। इस कार्यशाला में राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) के निदेशक के. श्रीधर अयंगर ने राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम के विशेषज्ञों की टीम के साथ 18-35 आयु वर्ग की 25 महिलाओं का मार्गदर्शन किया। ये युवतियां पुणे के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की हैं जिन्हें सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ने अपने आउटरीच प्रोग्राम के तहत गोद लिया है। यह कार्यशाला सिम्बायोसिस स्टूडियो में आयोजित की गई थी।
    कार्यशाला के पहले दिन प्रतिभागियों को फिल्म निर्माण की आकर्षक दुनिया की एक झलक देखने को मिली और उन्होंने मोबाइल फोन पर फिल्म निर्माण का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। अत्याधुनिक सिम्बायोसिस स्टूडियो में, एनएफडीसी के विशेषज्ञों ने फिल्म निर्माता के.एस. श्रीधर अयंगर के निर्देशन में प्रतिभागियों को फिल्म निर्माण की कला के बारे में सैद्धांतिक जानकारी दी। प्रशिक्षकों ने प्रतिभागियों को छायांकन, वीडियो संपादन, ध्वनि संपादन और फिल्म निर्माण सहित अन्य चीजों के बारे में सिखाया।
    कार्यशाला के दूसरे दिन प्रशिक्षकों ने प्रतिभागियों को समूहों में विभाजित किया। प्रत्येक समूह ने लघु वृत्तचित्र के लिए एक विषय का चयन किया। इसके बाद प्रतिभागियों ने एनएफडीसी टीम के मार्गदर्शन में एक लघु फिल्म की शूटिंग और संपादन किया। इन फिल्मों का संपादन मोबाइल फोन पर किया गया। दो दिवसीय कार्यशाला का समापन प्रतिभागियों की फिल्मों के प्रदर्शन के साथ हुआ। एनएफडीसी की टीम ने प्रत्येक फिल्म पर इनपुट दिए। सिम्बायोसिस इंटरनेशनल (डीम्ड) यूनिवर्सिटी की प्रो-चांसलर डॉ. विद्या येरवडेकर ने प्रतिभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किए। डॉ. विद्या ने कार्यशाला में महिला प्रतिभागियों के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हेंम बधाई दी और आशा व्यक्त की कि वे भविष्य में भी कार्यशाला में सीखे गए कौशल का उपयोग करना जारी रखेंगी।
    प्रतिभागियों ने फिल्मों के माध्यम से खुद को अभिव्यक्त करने के लिए बीते वर्षों में महिला सशक्तिकरण के मायने, विवाह के सामाजिक औचित्यर आदि जैसे महत्वारकांक्षी विषयों का चयन किया। युवतियों ने पूरी गतिविधि का भरपूर आनंद लिया और इस दो दिवसीय कार्यशाला ने प्रतिभागियों को रचनात्मकता का उपयोग करने और फिल्म निर्माण की जटिलताओं और तकनीक को सीखने का अवसर प्रदान किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button