बिहारराजनीति

भाजपा के निशाने पर मूलतः मुस्लिम-दलित और महिलाएं, एकताबद्ध लड़ाई की जरूरत: सत्यदेव राम

  • उन्माद-उत्पात की ताकतों को शिकस्त देने के आह्वान के साथ इंसाफ मंच का पहला पटना महानगर सम्मेलन संपन्न
  • गालिब बने अध्यक्ष, रामलखन चौधरी को सचिव की जिम्मेवारी
  • 25 जून को आयोजित राज्य सम्मेलन को सफल बनाने का लें संकल्प: कयामुद्दीन अंसारी
  • गांधी के हत्यारे का राष्ट्रीय नायक के रूप में महिमा मंडन देश को मंजूर नहीं: केडी यादव
  • बुद्धिजीवियों, राजनीतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी हुई भागीदारी

पटना । उन्माद-उत्पात की ताकतों के खिलाफ हक व इंसाफ के लिए मुस्लिमों-दलितों-महिलाओं और समाज के कमजोर तबके की व्यापक एकता के आह्वान के साथ आज इंसाफ मंच के पटना महानगर का सम्मेलन आइएमए हॉल, पटना में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।
सम्मेलन से गालिब को अध्यक्ष व रामलखन चौधरी को सचिव चुना गया. इसके पूर्व डॉ. अलीम अख्तर, रामलखन चौधरी और आसमा खान के तीन सदस्यों के अध्यक्षमंडल के नेतृत्व में सम्मेलन की शुरूआत हुई।
इंसाफ मंच के सम्मेलन को संबोधित करते हुए माले विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि फासीवादी भाजपा के निशाने पर मूलतः देश के मुस्लिम, दलित व महिलाएं हैं। वे अब डॉ. अंबेडकर पर भी हमले कर रहे हैं। बिहार में जगह-जगह उनकी मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं। अंबेडकर की मूर्तियों पर हमला करके वे देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे पर हमला कर रहे हैं। इन ताकतों के खिलाफ मुस्लिमों-दलितों व महिलाओं की व्यापक एकता आज समय की मांग है।

केडी यादव ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा का असली चेहरा देश की जनता के सामने खुलकर आ गया है। धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक इस्तेमाल करने के बावजूद इनकी हार सुनिश्चित है। हमलोगों को एक बड़ा आंदोलन खड़े करने की दिशा में लगना होगा। जबतक हमारे हाथ में लाल झंडा है कोई मोदी इस देश के लोकतंत्र और संविधान को नुक़सान नहीं पहुंचा सकता है। आज गांधी के हत्यारे को राष्ट्रीय नायक के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। गिरिराज सिंह रणवीर सेना के प्रमुख ब्रह्मेश्वर सिंह को गांधी बताते हैं और गोडसे सरीखे हत्यारे को सही साबित करने की कोशिश करते हैं। यह हमें मंज़ूर नहीं है।

एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट में कार्यरत डॉ विधार्थी विकास ने कहा कि मुस्लिम तो बहाना है असली निशाना दलितों को मिटाना है. देश में खौंफ का मंजर बनाया जा रहा है। मनुस्मृति के जरिए देश को ग़लत दिशा में ले जाया जा रहा है। 4 करोड़ गरीब परिवार ऐसे हैं जिनको सुरक्षित भूमि परिपत्र नहीं है। देश की बहुत बड़ी आबादी को नागरिकता से बेदखल करने की प्लानिंग है।मणिपुर में विघटनकारी राजनीति के जरिए जनसंहार कराया जा रहा है जिसके पीछे मनुवादी शक्तियां हैं। सेंगोल मनुवादी फासीवाद का प्रतीक है।यह बहुत ख़तरनाक दौर है। लोकतंत्र पर खतरा है। देश पर खतरा है।
इंसाफ मंच के राज्य सचिव कयामुद्दीन अंसारी ने कहा कि आज मुस्लिम समुदाय देश के नए दलित बनाए जा रहे हैं। इंसाफ मंच 25 जून को पटना के गेट पब्लिक लाइब्रेरी में तीसरा राज्य सम्मेलन आयोजित कर रहा है देश में उन्माद-उत्पात की राजनीति व बड़े ओहदेदारों द्वारा नफ़रत फैलाने की कोशिश के खिलाफ इंसाफ मंच खड़ा है। इसका गठन नागरिकता कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दरम्यान समाज की जरूरत के अनुसार हुआ है। बिहार के विभिन्न जिलों में रामनवमी के मौके पर एकतरफा मुस्लिम समुदाय पर हमला किया गया है जो कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सामाजिक कार्यकर्ता सरफराज ने कहा कि फासीवादी ताकतें शिक्षा के केंद्र पर हमले कर रही है, जिसका ताज़ा उदाहरण बिहार शरीफ के अजीजिया मदरसे पर हमले की घटना है. सासाराम और बिहारशरीफ के दंगाइयों की गिरफ़्तारी और सज़ा होनी चाहिए. महिलाओं पर हो रहे ज़ुल्म और अत्याचार के खिलाफ भी संघर्ष जारी रखना होगा।

एआइपीएफ के संयोजक कमलेश शर्मा ने सम्मेलन से एकजुटता प्रकट करते हुए कहा कि भाजपा से आज निर्णायक जंग का समय आ गया है। कर्नाटक की जनता ने चुनाव में इनके सभी हथकंडों को ख़ारिज़ करते हुए उन्हें बुरी तरह हरााया। आगामी लोकसभा चुनाव में तमाम लोकतंत्र व न्याय पसंद लोग एकताबद्ध होकर भाजपा की हार सुनिश्चित करेंगे।
नजरुल हुदा ने कहा कि बिना कुर्बानी के मंजिल नहीं मिलती है। बिना हुक़ूमत हासिल किए कुछ नहीं हो सकता है। न्यायालय में कुछ ही परिवारों का बोलबाला है।275 सांसद ऊंची जाति के हैं। झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को साथ लाना होगा।ज़ुल्म सिर्फ मुस्लिमों पर ही नहीं सभी अकलियतों पर हो रहा है। बाबू लाल मांझी उर्फ भेजा जी ने कहा कि मुस्लिम, दलित और पिछड़ा वर्ग आपस में भाई हैं। यदि इनमें एकता हो जाए तो भाजपा को पीछे धकेल देंगे। नरेन्द्र मोदी कठपुतली है, इसके पीछे अडानी और अंबानी हैं। सुप्रीम कोर्ट के जज अभी भी उच्च वर्ग के ही क्यूं ? मुमताज रूही (कांग्रेस) ने शेर पढ़ते हुए कहा कि ना हो माहौल मायूस कि दुनिया खुद बसा अपनी दिलों में हौसला बसा अपनी। यह खामोशी यह मिजाजी हमें जीने नहीं देती इसको बदलने के लिए कोहराम मचा दभाजपा एकता और मुहब्बत की दुश्मन है इसे हर हाल में गद्दी से उतार फेंकने के लिए एकजुट हों।
सम्मेलन से उपाध्यक्ष के बतौर डॉ. अलीम अख्तर, मुर्तजा अली, नसीम अंसारी, जावेद अहमद, अफजल हुसैन, विश्वनाथ चौधरी, महंत मांझी, डॉ. अर्जुन राम और सह सचिव के रूप में शहजादे आलम, आसमा खान, मुजफ्फर आलम, अशरफी सदा के चुन गया. सम्मेलन का संचालन गालिब ने किया. जसम के प्रमोद यादव और पुनीत पाठक ने गीतों की प्रस्तुति दी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button