बिहार

सूनी गोद भर देती है शिवकुंड की बड़ी दुर्गा महारानी

सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद यहां होती है पूरी

लालमोहन महाराज, मुंगेर

दुर्गा पूजा को लेकर शहर से गांव तक का माहौल भक्तिमय बना हुआ है। चप्पा चप्पा में जय मां दुर्गे की जय घोष गूंजायमान हो रहा है ।खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में दुर्गा पूजा को लेकर उत्सवी माहौल है। हर तरफ लोग दशहरा मेला के रंग में रंग गए हैं। रविवार को अष्टमी है । आज के दिन से मंदिरों में मेले लगने लगेंगे । धरहरा प्रखंड के शिवकुंड स्थित श्री श्री 108 बड़ी दुर्गा महारानी दुर्गा मंदिर सहित अन्य दुर्गा मंदिरों में चल रहे दुर्गा सप्तशती पाठ से संपूर्ण क्षेत्र गुंजायमान हो रहा है ।
सुबह-शाम पूजा पाठ आरती से घर-घर में लोग भक्ति में डूबे हुए हैं। आरती एवं दुर्गा मां के गीतों से क्षेत्र का चप्पा चप्पा गुंजायमान हो रहा है। बुधवार को शिवकुुड स्थित श्री श्री 108 बड़ी दुर्गा महारानी मंदिर में महा आरती के दौरान दर्जनों गांव से पहुंचे भक्तों के द्वारा लगाए गए जयकारे जय माता दी,हरहर महादेव से क्षेत्र भक्तिमय हो उठा। मंदिर प्रांगण में मंदिर के बारे में जानकारी देते हुए ब्राह्मण टोला शिवकुंड निवासी टुनटुन कुमार ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यहां जो भी आते हैं, उनकी मुरादे पूरी होती है। यहां की विशेषता यह है कि माता रानी में आस्था रखने वाले भक्तों की सूनी गोद को मां दुर्गा भर देते हैं। यहां के कलश का सुपारी का बड़ा ही महत्व है । पुत्र व पुत्री प्राप्ति की इच्छा रखने वाले फरियादी को एक सुपारी दिया जाता है । फरियादी पति पत्नी नियमानुसार 10 दिनों तक मंदिर में पूजा पाठ करने आते हैं तो उनकी सूनी गोद को मां दुर्गा भर देते हैं । जो भी आते हैं उनका यहां भला होता है। 1876 में बने शिवकुंड दुर्गा मंदिर के बारे में पूछने पर कहते हैं कि किसी को इनके बारे में पता नहीं है। यहां साक्षात दुर्गा मां की उत्पत्ति हुई है। इस दुर्गा मां के मंदिर की उत्तर दिशा में उत्तर वाहिनी मां गंगा है । पूरब में भागवत पुराण में वर्णित 51वां शक्तिपीठ मां सुभानंदा भगवती का शक्तिपीठ है। मंदिर के पीछे मां काली है और दक्षिण में चंडिका मां विराजमान है ।चारों दिशा में माता ही माता है ।

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