बिहार

दुनियाभर में 85% मखाना का उत्पादन मिथिला क्षेत्र में होता है : डॉ. मनोज कुमार

  • अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तीसरे दिन ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ नाटक का किया गया मंचन
  • प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में भाग लेकर बच्चों ने जीते पुरस्कार
  • चित्रांकन प्रतियोगिता का किया गया आयोजन

पटना/मधुबनी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के केंद्रीय संचार ब्यूरो, पटना द्वारा मधुबनी के टाउन क्लब मैदान में आयोजित पांच दिवसीय आजादी का अमृत महोत्सव फोटो प्रदर्शनी सह जागरूकता कार्यक्रम के तीसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार शामिल हुए। मौके पर केंद्रीय संचार ब्यूरो, पटना के सहायक निदेशक एन एन झा, कार्यक्रम प्रमुख सह क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी पवन कुमार सिन्हा, सहायक क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी नवल किशोर झा, अमरेंद्र मोहन एवं मिहिर कुमार झा मौजूद थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि बीते 3 से 4 वर्षों में मिथिला के लोगों में न केवल मखाना की खेती के प्रति रुचि बढ़ी है, बल्कि इसको व्यवसाय के रूप में भी लोग अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मखाना विकास योजना को बिहार के 11 जिलो में लागू किया गया है और यहां के किसानों को 75% अनुदान भी की दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि अकेले मधुबनी में मखाना किसानों के लिए लगभग एक करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि मखाना न केवल पौष्टिकता से पूर्ण आहार है, बल्कि इसमें औषधीय गुण भी काफी है। मखाना एक सुपर फूड है। उन्होंने कहा कि मिथिलांचल में मखाना की खेती में विस्तार हो रहा है। जहां पहले परंपरागत तरीके से मखाने की खेती केवल तालाबों व पोखरों में की जाती थी, अब नई तकनीकों एवं अनुसंधानों के माध्यम से मखाने की खेती एक फीट गहरे पानी वाले खेतों में भी संभव है। उन्होंने कहा कि मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा द्वारा ‘स्वर्णवैदेही’ नामक मखाने की एक प्रजाति तैयार की गई है, जिसे कम पानी में उपजाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में मखाने का लगभग 85% उत्पादन मिथिला क्षेत्र में होता है। उन्होंने कहा कि देश-विदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में मखाने की खेती होती है, लेकिन मखाने का प्रसंस्करण इतना जटिल प्रक्रिया है कि लोग इसमें सफल नहीं हो पाते हैं और उसके बीज का सीधे तौर पर सेवन करते हैं। उदाहरण के लिए उन्होंने बताया कि मणिपुर के लोकटक झील में मखाने की पैदावार होती है, लेकिन वहां प्रसंस्करण की कोई व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण, वहां के लोग मखाने के बीज को पीसकर चटनी के रूप में व अन्य तरीकों से सेवन करते हैं। उन्होंने कहा कि मिथिला एक ऐसा क्षेत्र है जहां मखाने की खेती भी की जाती है और उसका प्रसंस्करण कर इस्तेमाल में भी लाया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर मिथिला क्षेत्र में मखाना प्रसंस्करण को और अधिक विस्तार दिया जाता है तो निश्चित ही मखाना यहां की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करेगा।

केंद्रीय संचार ब्यूरो, पटना के विभागीय कलाकारों ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ नाटक का मंचन किया, जिसे लोगों ने खूब पसंद किया। विभागीय कलाकारों में अंजना झा, आरती झा, डॉ. शिप्रा, राकेश चंद्र आर्य, दीपक शर्मा, मनीष खंडेलवाल शामिल थे। पंजीकृत दल के कलाकारों में उषा पासवान, ममता, साधना श्रीवास्तव सहित ठाकुरबाड़ी मंच एवं लोक रंग दल के कलाकारों ने भी गीत, संगीत एवं नाटक के माध्यम से लोगों का मन मोह लिया।

कार्यक्रम स्थल पर लगी प्रदर्शनी को लोगों ने देखा और प्रशंसा की। प्रदर्शनी को लेकर युवा पीढ़ियों में उत्साह देखने को मिला। कार्यक्रम में आए लोगों के बीच प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया और सफल प्रतिभागियों को मौके पर ही पुरस्कृत भी किया गया। सीबीसी पटना के सहायक क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी अमरेंद्र मोहन ने प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का संचालन किया।

मंत्रालय के केंद्रीय संचार ब्यूरो, पटना द्वारा आज डॉन बॉस्को कॉन्वेंट स्कूल के बच्चों के बीच आजादी का अमृत महोत्सव विषय पर चित्रांकन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में विद्यालय के करीब 50 से अधिक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। चित्रांकन प्रतियोगिता के विजेताओं को 1 फरवरी को आयोजित होने वाले समापन समारोह में मुख्य अतिथि के हाथों पुरस्कृत किया जाएगा। चित्रांकन प्रतियोगिता का संचालन सीबीसी दरभंगा के सहायक क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी मिहिर कुमार झा ने किया।

कार्यक्रम में स्वागत संबोधन सीबीसी, पटना के सहायक निदेशक एन एन झा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सीबीसी, पटना के कार्यक्रम प्रमुख सह क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी पवन कुमार सिन्हा ने किया। कार्यक्रम का संचालन केंद्रीय संचार ब्यूरो, पटना के सहायक क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी नवल किशोर झा ने किया। कार्यक्रम स्थल पर कृषि विज्ञान केन्द्र, चैनपुरा, मधुबनी, मखाना अनुसंधान केंद्र, दरभंगा, मधुबनी पेंटिंग आदि के स्टॉल लगाए गए हैं। शंकर नेत्रालय, मधुबनी द्वारा मुफ्त आंख जांच शिविर का भी आयोजन किया गया।

 

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