बिहारराजनीति

धर्म व जाति की राजनीति करनेवाला वर्ग मनोज झा के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है:पप्पू यादव

पूरा खेल जाति की अस्मिता का नहीं, राजनीति की अस्मिता का है

पटना। संसद में राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा द्वारा पढ़ी गई कविता पर उठे विवाद के बीच जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि मनोज झा ने किसी जाति पर बयान नहीं दिया है। वहीं, देेश के एक बड़े दल के लोग और धर्म व जाती की राजनीति करने वाले वर्ग ने झा के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। पूरा खेल जाति की अस्मिता का नहीं, राजनीति की अस्मिता का है। लोगों के बयानों से समाज की विकृतियां सामने आ रही हैं।

उन्होंने कहा कि अस्मिता पर आधारित राजनीति का स्वरूप बदल रहा है, उसमें भी हिंसा का अंश बढ़ रहा है। पप्पू यादव ने सांसद मनोज झा को जान से मारने वालों को नसीहत देते हुए कहा कि जन अधिकार पार्टी सांसद मनोज झा के साथ खड़ी हैं। कोई इनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता हैं।

मंदिरी स्थित आवास पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि मनोज झा संसद में महिला आरक्षण बिल पर अपनी बात रख रहे थे। उनके साथ हम सभी चाहते हैं कि देश में पिछड़ी, अति पिछड़ी और अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को इस आरक्षण का लाभ मिले। इस संदर्भ में मनोज झा ने ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता को पढ़ा। लोगों को उस कार्यवाही को ठीक से देखने की जरूरत है जहां मनोज झा ने कविता का जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि उनका किसी जाति या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था और उनके बयान के सात दिन बाद विवाद शुरू हो गया। यह बेहद सोचने वाली बात है।

पप्पू यादव ने कहा कि मनोज झा एक प्रोफेसर भी हैं। सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में चुने गए हैं। उनकी बातों में विद्वता दिखती है। मनोज झा ने आज के संदर्भ में ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता को पढ़ा है। हम लोग समाजवादी लोग हैं। ठाकुर तो कर्पूरी ठाकुर भी लिखते थे। ये कोई जात की बात नहीं है।

हम लोग यादव सरनेम लिखते हैं, लेकिन चौधरी, राय, प्रसाद भी यादव लोग लिखते हैं। चंद लोग समाज में लाभ नहीं उठाएं, सबको बराबरी का मौका मिले। उसके कहने का संदर्भ यही था।

पप्पू यादव ने कहा कि बीजेपी के सांसद सदन में किसको उग्रवादी कहकर धमकी दे रहे थे। बीजेपी के नेता जीभ काट देने, गर्दन काट देने जैसी बात कर रहे थे। तुच्छ लाभ और बाटने की राजनीति को लेकर लोग अमानवीय और अभ्रद आचरण कर रहे हैं।

पप्पू यादव ने कहा कि आज के संदर्भ में देखेंगे तो चंद लोग देश चला रहे हैं। बड़े काराबोर करने वाले देश की संपत्ति बेच रहे हैं। चंद लोगों के पास ज्यादातर जमीनें हैं। देश में जिनकी आबादी ज्यादा है, उसके पास जमीन तक ही नहीं है। कोरोना काल में देश के अधिसंख्यक लोग जीवन यापन को संघर्ष कर लहे थे, वहीं अडानी जैसे लोग धन के मामले में नए क्रीतिमान बना रहे थे। इसपर कोई आवाज उठाने वाला तक नहीं था। उन्होंने कहा कि वे मनोज झा का हर कदम पर साथ देंगे और उनकी आवाज पर खड़े रहेंगे।प्रेस वार्ता में रामचन्द्र यादव, प्रेमचंद सिंह,प्रिंस विक्टर, विजय सिंह,सचिदानन्द राय, अरुण सिंह, फैजान अहमद मौजूद थे।

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