झारखण्ड

प्रदूषण से निपटने के लिए साहिबगंज जिले के कुल 10 गुड्स शेड को दुरुस्त करने की कवायद शुरू

•कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और स्वच्छ व हरित पर्यावरण के लिए कई मोर्चों पर हो रहे प्रयास
साहिबगंज। पूर्व रेलवे के मालदा मंडल ने प्रदूषण से निपटने के लिए साहिबगंज जिले के कुल 10 गुड्स शेड/साइडिंग बरहरवा, बाकुडी, सकरीगली, करमटोला, राजमहल, महाराजपुर, तालझारी, मिर्जाचौकी, तिनपहाड़ और साहिबगंज पर आवश्यक कार्य किए हैं। मालदा रेल मंडल ने इस क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम किया है और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और स्वच्छ और हरित पर्यावरण प्राप्त करने की दिशा में कई मोर्चों पर विभिन्न प्रयास भी कर रहा है।
पहल के रूप में हाल ही में सकरीगली और साहिबगंज गुड शेड/साइडिंग में पौधारोपण भी किया गया। धूल से निपटने के लिए 2 वाटर मिस्ट कैनन स्प्रिंकलर चलाए जा रहे हैं। मालदा मंडल द्वारा उपरोक्त 10 गुड शेड/साइडिंग के लिए सीटीओ (ऑपरेट करने की सहमति) हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है तथा 4 फरवरी को आवेदन शुल्क जमा किया गया है। इस संदर्भ में मालदा मंडल, सीटीओ प्राप्ति के लिए क्षेत्रीय कार्यालय/झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दुमका एवं बोर्ड के साथ लगातार संपर्क में है।
इस संबंध में साहिबगंज जिले में साइडिंग पर सीटीओ (संचालन की सहमति) के शीघ्र अनुदान के संबंध में रेलवे द्वारा 31 जनवरी एवं 24 फरवरी को झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पत्र भी लिखा गया गया है।
इनके साथ-साथ, रेलवे द्वारा प्रदूषण से निपटने के लिए निम्नलिखित ठोस उपाय जैसे कि 20 फीट ऊंची चारदीवारी का प्रावधान, पंप के साथ फिक्स्ड स्प्रिंकलर, बोरिंग अंडरग्राउंड टैंक, फेंसिंग के साथ तीन परतों में वृक्षारोपण, वर्षा जल संचयन के साथ जल निकासी, साइडिंग में पीएम 10 मापन इकाइयों का प्रावधान, साइडिंग आदि के लिए चलंत वाटर मिस्ट कैनन सिस्टम का प्रावधान किए गए हैं
उपरोक्त उपायों के लिए कुल लगभग 11 करोड़ रु. का कार्य स्वीकृत किया गया है। गुड्स शेड में 20 फीट की बाउंड्री वॉल, फिक्स्ड टाइप वाटर स्प्रिंकलर सिस्टम, फेंसिंग के साथ थ्री टियर प्लांटेशन आदि जैसे प्रदूषण नियंत्रण संबंधी कार्यों के प्रावधान के तहत कार्य के लिए निविदाएं पहले ही जारी की जा चुकी हैं। साहिबगंज साइडिंग के लिए इंजीनियरिंग कार्य लागत 1.74 करोड़, बरहरवा साइडिंग के लिए इंजीनियरिंग कार्य लागत 1.77 करोड़, मिर्जाचौकी और करमटोला साइडिंग के लिए इंजीनियरिंग कार्य लागत 2.19 करोड़, सकरीगली साइडिंग के लिए इंजीनियरिंग कार्य लागत 2.19 करोड़ है। कार्य पूरा करने की अवधि 3 महीने के भीतर होगी। साहिबगंज और बरहरवा के लिए निविदा खोलने की तिथि 11 मार्च है जबकि सकरीगली, करमटोला और मिर्जाचौकी की निविदा 18 मार्च को खोली जाएगी। पीएम 10 एनालाइजर मशीनों (0.91 करोड़ की लागत) की निविदा का काम भी प्रक्रियाधीन है और जल्द ही उपरोक्त गुड शेड/साइडिंग में इसे लगा दिया जाएगा। शेष 8 वाटर मिस्ट कैनन स्प्रिंकलर की निविदा (लागत 1.3 करोड़) 9 मार्च और 10 मार्च को खोली जाएगी।
इस संबंध में वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक/मालदा, पवन कुमार, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता/मालदा, एस. के. तिवारी एवं वरिष्ठ मंडल परिचालन अधिकारी, राजेश कुमार क्षेत्रीय कार्यालय/झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दुमका के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित करने के लिए दस्तावेज सहित गए हैं।
बता दें कि झारखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड ने जिले में बिना सीटीओ यानि कंसेंट टू ऑपरेट के संचालित सभी रैक लोडिंग प्वाइंट को बंद कर दिया गया है। डीसी राम निवास के मुताबिक रेलवे के सभी लोडिंग साइडिंग के पास झारखंड राज्य का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से निर्गत सीटीओ का होना जरूरी है।
रैड लोडिंग बंद होने से जिले की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होगी। 10 रेलवे रैक स्टेशन के 13 लोडिंग प्वाइंट से रोजाना लगभग 14 से 18 रैक पत्थर लोड होकर बाहर जाता है। इस काम में लगभग साढ़े 3500 और 1500 ड्राइवर-खलासी को रोजगार मिलता है। सभी बेरोजगार हो जाएंगे। इनको प्रतिदिन तकरीबन 40 लाख रुपये का भुगतान होती है।

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