बिहारराजनीति

नीतीश के विधायक गोपाल मंडल के बिगड़े बोल, कहा- बिगड़ गए हैं बिहार के थाना प्रभारी और सीओ, डंडा से सुधरेंगे

नवगछिया में जदयू कार्यकारिणी की बैठक में बिहार के थानेदारों और सीओ को दी चेतावनी

भागलपुर। एक ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार देशभर में घूम घूम कर के विपक्षी एकता की तैयारी कर रहे हैं और बिहार को एक आदर्श राज्य के मॉडल के तौर पर देशभर में पेश करते हुए देश में तब्दीली लाने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ उनकी पार्टी जदयू के विधायक बिहार के तमाम थानेदारों और सीओ को बिगड़ा हुआ करार देते हुए हाथ में लाठी लेकर के उन्हें सुधारने का दम भर रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या वाकई में सुशासन बाबू के राज्य में तमाम थानेदार और सीओ बिगड़े हुए हैं?
अब अगर बिगड़े हुए हैं तो क्या उनको सुधारने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसे विधायकों को सौंप दी है जो हाथ में लाठी लेकर थानेदार और सीओ पर टूट पड़ने के लिए आमादा है? ताज्जुब की बात तो यह है कि विधायक गोपाल मंडल ने इस तरह की बातें नवगछिया में एक विवाह भवन में आयोजित जदयू कार्यकारिणी की बैठक में कही है। और जिस तरह से जदयू के कार्यकर्ता और नेता उनकी बातों पर तालियां बजा रहे हैं उससे तो यही लगता है कि जदयू के लोग भी इस बात से सहमत हैं कि बिहार के तमाम थानेदार और सीओ बिगड़े हुए हैं और उनको रास्ते पर लाने का एकमात्र उपाय सिर्फ लाठी ही है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने प्रशासनिक सुधारों के लिए जाने जाते हैं। बिहार में पुलिस प्रशासन के क्षेत्र में जिस तरह से उन्होंने सुधार किया है उसी का नतीजा है कि बिहार में अपराध पर एक हद तक लगाम लगा हुआ है। लेकिन पुलिस प्रशासन को लेकर के जिस भाषा का इस्तेमाल जदयू के विधायक गोपाल मंडल कर रहे हैं उससे तो यही पता चलता है कि बिहार में तमाम थानेदार अपनी मनमानी कर रहे हैं। और इनको नियंत्रित करने के लिए इनके ऊपर के प्रशासनिक अधिकारियों को अलर्ट करने के बजाए जदयू के विधायकों के हाथों में डंडे होना जरूरी है। यदि देखा जाए तो विधायक गोपाल मंडल का यह बयान सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार में किए गए प्रशासनिक सुधारों को मुंह चिढ़ा रहा है और साथ ही जदयू के तमाम विधायकों और कार्यकर्ताओं को भी राज्य में अराजकता पैदा करने के लिए उकसा रहा है। क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विधायक उनके नियंत्रण में नहीं है ? या फिर वह जानबूझकर के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रशासनिक सुधारों को पलीता लगा रहे हैं?
गोपाल मंडल ने खुल करके कहा है कि लोग कहते हैं कि जमीन म्यूटेशन का काम नहीं होता, व्यवस्था लचर है।
लेकिन हमको चुनकर भेजे है न, ऊपर सब कुछ होगा। पूरे बिहार के थाना प्रभारी और सीओ बिगड़ चुके हैं लेकिन सुधारेगा कौन हमारे जैसा गोपाल मण्डल सुधारेगा। काम नहीं होगा तो हम गाड़ी में डंडा भी रखते है एक ही बात कहते है काम करोगे या हम आएं।
नवगछिया में आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया गया उनका यह भाषण खूब वायरल हो रहा है। मंच पर बैठे हुए जदयू के अन्य नेता और कार्यकर्ता उनके इस भाषण पर जमकर तालियां भी पीट रहे हैं। अब यह देखने वाली बात है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने इस बिगड़ैल विधायक को नियंत्रित करते हैं कि उन्हें हाथ में लाठी लेकर के थाना प्रभारियों और सीओ को नियंत्रित करने के लिए खुला छूट देते हैं?

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