बिहार

इतना आसां नहीं है किसी का लालमुनि चौबे हो जाना : अश्विनी चौबे

सियासत के सुचिता के प्रतीक थे लालमुनी चौबे : आर के सिन्हा

पटना। स्व. लालमुनि चौबे व्यक्ति नहीं विचार थे। बेमिसाल सादगी, ईमानदारी और बेबाकी के प्रतिमूर्ति लालमुनि चौबे का पूरा जीवन राष्ट्र और समाज को समर्पित रहा। यकीनन, आज के दौर में इतना आसान नहीं है उन जैसा हो जाना। ये बातें केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कही। वे रविवार को बिहार विधान परिषद के सभागार में आयोजित बक्सर से लगातार चार बार सांसद और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रहे भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक स्वर्गीय लालमुनि चौबे की पुण्यतिथि पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। चौबे ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं जो मुझे उनके साथ काम करने का अवसर मिला और अब उसी बक्सर का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जहां से चार बार वे सांसद निर्वाचित हुए। मैंने अपने जीवन में बहुत कुछ उनसे सीखा है और उस पर अमल भी किया है। केंद्रीय राज्यमंत्री ने बक्सर और भभुआ में स्वर्गीय चौबे की प्रतिमा लगाने और उनके नाम पर सुसज्जित आधुनिक पुस्तकालय की स्थापना करने की घोषणा की। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजकों से आग्रह किया कि वे प्रतिभावान विद्यार्थियों के लिए स्वर्गीय चौबे के नाम पर छात्रवृत्ति योजना शुरू करें। इसके लिए मैं प्रतिवर्ष अपनी तरफ से ₹100000 उपलब्ध कराउंगा।

“सियासत में सादगी और महंगी होती सियासत” विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मौजूद बिहार सरकार के पूर्व मंत्री विजय कृष्ण ने लालमुनि चौबे के साथ बिताए समय और संस्मरण सुनाए। उन्होंने भी कहा कि स्वर्गीय चौबे की ईमानदारी और बेबाकी के सभी कायल थे। वे दलगत घेरे से बाहर के राजनेता थे। हर पार्टी में उनके चाहने वाले हुआ करते थे। उनके व्यक्तित्व की जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद पूर्व राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा ने स्वर्गीय चौबे के जीवन से जुड़े कई अनकहे किस्से सुनाए। ज्ञात हो कि श्री सिन्हा लालमुनि चौबे के काफी करीब रहे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे नेताओं के साथ उनके संबंध पर भी बातें रखी। इसके साथ ही यह भी बताया कि चौबे जी को विरोधी दल के नेताओं लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार और मुलायम सिंह यादव सहित कई अन्य नेता भी काफी प्यार व सम्मान देते थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री और विधान पार्षद डॉ संजय पासवान ने कहा कि हम जैसे राजनेताओं को उनका काफी स्नेह मिला। वे सादगी की मिसाल थे। जमीन पर गमछा बिछाकर भी सो जाया करते थे। डॉक्टर पासवान ने स्वर्गीय चौबे के संस्मरण का जिक्र करते हुए कहा कि वे आज की तरह सिर्फ श्रेय पर जोर नहीं देते थे, श्रम पर जोर दिया करते थे। आज के दौर के राजनीतिज्ञों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। इसके पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया | समारोह के आयोजक लाल मुनी चौबे स्मृति न्यास के संस्थापक अध्यक्ष उज्जैन में अतिथियों का अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह और पुष्पहार से स्वागत किया। संगोष्ठी में पूर्व विधायक गणेश पासवान, भाजयुमो के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संतोष रंजन राय, जैन कॉलेज आरा के प्राचार्य डॉ शैलेंद्र ओझा व स्वर्गीय लालमुनि चौबे के दोनों पुत्रों हेमंत चौबे व शिशिर चौबे ने भी अपने विचार रखे। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने घोषणा किये की हर साल मैं अपने निजी फण्ड से बाबा के नाम से गरीब बच्चों को स्कालरशिप के लिए दूँगा | इतने ही नहीं मैं अपने विकास निधि से लालमुनि चौबे स्मृति पुस्तकालय एवं सुसज्जित भवन भी बनाने की घोषणा किये l

इस कार्यक्रम में राकेश महतो, कन्हैया जी, दिग्विजय सिंह, राजीव पासवान, सुनील यादव, संजय मंडल, सत्यजीत पाठक, सोनू कुमार, रीता सिंह, उषा देवी, निलेश पाण्डेय, मदन दुबे, धनंजय राय, जय प्रकाश राय, टुनटुन वर्मा, जुगल किशोर पांडेय, विकास कायस्थ, धनजी पांडे, शशि बवला, सुधीर सिंह चैनपुर, रोहित सिंह रमेश सिंह, न्यास के सचिव संजय मिश्रा, संजय सिंह, मान जी सिंह, मनोज सिंह, मंजी पासवान, राजू चौधरी, सतीश राजू भाजपा क्रीड़ा प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक, सुजीत कुमार, निलेश पाण्डेय, रतन सिंह चौबे, विनोद तिवारी, राहुल तिवारी, मंच संचालन पंकज भारद्वाज ने किया धन्यवाद यापन हेमन्त चौबे ने किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button