बिहार

अगुवानी- सुल्तानगंज पुल गिरने की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज या सीबीआई से हो : सम्राट चौधरी

आईआईटी रुड़की की जांच रिपोर्ट में पुल के डिजाइन में गड़बड़ी आ गई थी तो फिर काम शुरू क्यों कराया गया : नितिन नवीन

पटना। बिहार में खगड़िया के अगुवानी और सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहे फोरलेन महासेतु के नदी में गिर जाने को लेकर भाजपा ने नीतीश सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने सोमवार को इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दोषी बताते हुए कहा कि इस पूरे मामले की जांच पटना उच्च न्यायालय के सिटिंग जज से या केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की।
पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि बिहार में ऐसी सरकार है जो लूटने वाली से ही जांच कराना चाहती है। उन्होंने कहा कि इस मामले में ठेकेदार किसने बहाल किया, किस रिपोर्ट के आधार पर यह तकनीक अपनाया गया सहित जो पूरा खेल हुआ इसकी जांच होनी चाहिए।
विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष श्री चौधरी ने कहा कि निष्पक्ष जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आखिर बिहार में हो क्या रहा है। बिहार में पहले विकास की चर्चा होती थी लेकिन आज पुल ध्वस्त की चर्चा हो रही है। आज देश बिहार में पूरा इंजीनियरिंग फेल होते देखा।
उन्होंने नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब इंजीनियर मुख्यमंत्री के रहते 1700 करोड़ लागत से बन रहा पुल गिर रहा है तो अब बिहार का भगवान ही मालिक है।
भाजपा नेता ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार की देखरेख में भ्रष्टाचार हो रहा है।उन्होंने साफ लहजे में कहा कि सभी भ्रष्टाचार मुख्यमंत्री के सामने हो रहा है और यही उनका विकास मॉडल है।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 18 साल से मुख्यमंत्री है, इस कारण वे जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते हैं। उन्हे इसका जवाब देना होगा।
श्री चौधरी ने यह भी पूछा है कि जनता के जिस पैसे का नुकसान हुआ है वह मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से वसूल करना चाहिए।
इधर, संवाददाता सम्मेलन में पूर्व पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि इस पुल का निर्माण ईपीसी एग्रीमेंट के तहत हो रहा था। इसका डिजाइन 2016 में फाइनल किया गया था और उस समय किसकी सरकार थी, सभी जानते हैं।
उन्होंने कहा कि हमलोगों ने आईआईटी रुड़की और एन आई टी से जांच कराई तब सभी बातें सामने आ गई। इसकी फाइंडिंग सामने आने के बाद इस पुल का निर्माण कार्य रोकने की जगह शुरू करा दिया गया।
उन्होंने कहा कि मार्च में विधानसभा में भी विधायक डॉ. संजीव कुमार और अजीत शर्मा जी द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी यादव ने पुल का काम सही ढंग से चलने का सर्टिफिकेट देते हुए कहा था कि काम बहुत सही ढंग से चल रहा है और 2023 तक बन कर पूरा हो जाएगा।
श्री नवीन ने यह भी कहा कि तेजस्वी यादव खुद आईआईटी , रुड़की की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पुल का डिजाइन ही गड़बड़ था। अगर गड़बड़ी थी तो क्यों काम शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि आखिर इसके काम प्रारंभ करने की मंशा क्या थी।
इस संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष सह विधान पार्षद डॉ प्रमोद चंद्रवंशी, प्रदेश प्रवक्ता प्रेमरंजन पटेल, विवेकानंद पासवान , प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश सिंह, अशोक भट्ट, राजेश कुमार झा उपस्थित रहे।

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