बिहारराजनीति

सीएम नीतीश ने ‘समाधान यात्रा’ के क्रम में सुपौल जिले में विकास योजनाओं का लिया जायजा

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज ‘समाधान यात्रा’ के क्रम में सुपौल जिले में विभिन्न विभागों के अंतर्गत चल रही विकास योजनाओं का जायजा लिया। सुपौल जिलान्तर्गत सदर प्रखंड के मल्हनी पुनर्वास टोले का भ्रमण कर हर घर नल का जल एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना आदि का जायजा लिया।

मुख्यमंत्री ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय, जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय, जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र, जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना अंतर्गत 10 छात्रों को, जबकि मुस्लिम परित्यक्ता/ तलाकशुदा महिला सहायता योजना अंतर्गत 10 महिलाओं को सांकेतिक चेक मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किया गया। बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के लाभुक छात्रों को मुख्यमंत्री ने सर्टिफिकेट प्रदान किया। मुख्यमंत्री निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना, मुख्यमंत्री अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना और मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लाभुकों को भी सांकेतिक चेक प्रदान किया गया। जीविका दीदियों द्वारा कृषि आधारित उद्यम के तहत उत्पादित की जा रही एवं निर्मित वस्तुओं से संबंधित लगाई गई प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से बातचीत के क्रम में कहा कि मखाने से तरह-तरह के फ्लेवर युक्त विभिन्न तरह के उत्पाद आपलोग बना रहे हैं इसकी पैकेजिंग भी कर रहे हैं लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं, यह जानकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। हमारी इच्छा रही है कि देश की हर थाली में बिहार का एक व्यंजन हो । मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अतिपिछड़ा वर्ग एवं महिलाओं को मिलने वाली मदद से संबंधित वित्त प्रदत्त इकाइयों की प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 59 लाभुकों को मुख्यमंत्री ने सांकेतिक चेक प्रदान किया । मल्हनी पुनर्वास टोला में मुख्यमंत्री अति पिछड़ा वर्ग उद्यमी योजना के अंतर्गत वित्त प्रदत्त इकाई सोफी आटा, सत्तू एवं बेसन उद्योग का मुख्यमंत्री ने फीता काटकर उद्घाटन किया । समेकित मुर्गी विकास योजना अंतर्गत बिहार सरकार द्वारा अनुदानित व्हाइट गोल्ड लेयर पॉल्ट्री फॉर्म का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया। बिहार महादलित विकास मिशन, अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। इस दौरान दिव्यांगजनों के बीच बैट्री चालित ट्राई साइकिल की चाबी का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि जो भी जरूरतमंद दिव्यांगजन हैं उन सभी को चिह्नित कर बैट्री चालित ट्राई साइकिल उपलब्ध कराएं। उत्क्रमित मध्य विद्यालय मल्हनी टोला, हसना परिसर में जीविका द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। इस दौरान सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत जीविका समूहों से जुड़े कुल 331 परिवारों को 1 करोड़ 18 लाख 20 हजार रुपये का सांकेतिक चेक जीविका दीदियों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किया ।

मुख्यमंत्री ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय मल्हनी टोला, हसना में छठे राज्य वित्त आयोग की योजना से निर्मित पुस्तकालय का फीता काटकर एवं शिलापट्ट का अनावरण कर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् पुस्तकालय का निरीक्षण किया। विद्यालय में चल रहे पठन-पाठन का भी मुख्यमंत्री ने जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने विद्यालय परिसर में निर्मित वर्षा जल संचयन कार्य का शिलापट्ट का अनावरण कर उद्घाटन किया।

पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कुसहा त्रासदी के समय वर्ष 2008 में इस इलाके में काफी नुकसान हुआ था। इसको लेकर सरकार के द्वारा पुनर्वास कराया गया है। इसी को देखने के लिए हमलोग यहां आये हैं। सरकार के द्वारा जो काम कराये गये हैं उसे देखने आये हैं। अगर कहीं कोई कमी रह गई है तो उसे पूरा कराने को लेकर हमलोग घूम रहे हैं। लोगों से बातचीत के क्रम में जो कमियां सामने आती हैं, उसके समाधान के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है। लोगों से सारी जानकारी ले रहे हैं कि आगे और क्या करने की जरुरत है। जीविका दीदियां काफी अच्छा काम रही है। आज स्कूलों में कितना परिवर्तन आया है। इस स्कूल के बच्चे अंग्रेजी काफी अच्छा बोल रहे हैं। सभी इलाका काफी डेवलप कर रहा है। हमलोगों ने स्कूलों को लेकर शुरू से काम किया है, जिसका परिणाम आज दिख रहा है।

पंचायत सरकार भवन, मल्हनी में जल-जीवन-हरियाली योजनान्तर्गत निर्मित तालाब को पृथ्वी जीविका ग्राम संगठन से जुड़ी जीविका दीदियों को मुख्यमंत्री ने हस्तांतरित किया । मुख्यमंत्री ने तालाब में मछली भी छोड़ा। मुख्यमंत्री ने जिला मुख्यालय स्थित सहकार भवन के शिलापट्ट का अनावरण कर

सुपौल जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज समाधान यात्रा के क्रम में सुपौल जिले की जीविका दीदियों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। सुपौल समाहरणालय परिसर स्थित सभागार भवन के प्रथम तल पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में 120 जीविका दीदियों ने हिस्सा लिया। संवाद कार्यक्रम में जीविका समूह के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करने वाली 6 जीविका दीदियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किये। सभी ने जीविका समूह से जुड़ने के बाद अपने व्यक्तिगत जीवन एवं परिवार के जीवन स्तर में हुये बदलाव को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा ।

मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान जीविका दीदी रौशन आरा ने बताया कि मेरे पति की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जिसके बाद गांव वालों के सहारे जीवन यापन कर रही थी। काफी आर्थिक तंगी से गुजर रही थी तब मुझे एक जीविका दीदी ने स्वयं सहायता समूह से जुड़ने की सलाह दी और मैं जीविका समूह से जुड़ गई। समूह के द्वारा सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत मैंने आर्थिक मदद लेकर एक दुकान खोली। उससे पैसे की बचत कर अंडे की दुकान खोली। धीरे-धीरे मेरी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई फिर मैंने बकरी पालन का काम शुरू किया। जिसके बाद मेरी सालाना आय 1 लाख 40 हजार रुपये की होने लगी। उसके बाद मैंने अपना बीमा कराया। जीविका ने मेरा जीवन बदल दिया। मैं मुख्यमंत्री के प्रति अपना आभार प्रकट करती हूं। अब मेरे बच्चे ठीक ढंग से पढ़ रहे हैं। उन्हें अच्छा वस्त्र और भोजन भी मुहैया हो रहा है। जीविका योजना से जुड़ने के बाद हम महिलाओं का मान-सम्मान और मनोबल काफी बढ़ा है।

जीविका दीदी रूपलता ने बताया कि कम उम्र में ही मेरी शादी हो गई थी परिवार की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी। वर्ष 2016 में मैंने स्वयं सहायता समूह से जुड़कर 15 हजार रुपये की आर्थिक मदद ली और चाय-नाश्ते की दुकान खोली। उससे प्रतिदिन अच्छी आमदनी होने लगी तब मैंने पैसे की बचत क लकड़ी की चौकी बनाने का काम अपने पति की देखरेख में शुरू कराया। अब अनेक तरह के फर्नीचर के सामान बनाकर उसे बेचने का काम चल रहा है। इससे सालाना 4 से 5 लाख रुपये की आय हो रही है। मेरे चार बच्चे हैं, सभी अच्छे स्कूलों में पढ़ रहे हैं।

जीविका दीदी शमीना खातून ने बताया कि उनके पति शराब पीते थे और घर पर आकर प्रतिदिन मारपीट किया करते थे। हमारी तीन छोटी-छोटी बेटियां थीं जिनका किसी तरह से पालन-पोषण हो रहा था। स्वयं सहायता समूह के विषय में जब मुझे जानकारी हुई तब मैंने समूह से जुड़कर किताब-कॉपी की दुकान खोली। मैंने बकरी पालन का प्रशिक्षण लेकर उसका काम भी शुरू किया। वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू हुई तब मैंने पति को काफी समझाया और पुलिस से पकड़वाने की धमकी भी दी लेकिन वे नहीं माने और लीवर की बीमारी से ग्रसित हो गए। समूह से कर्ज लेकर मैंने उनका इलाज कराया तब उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। अब वे मोबाइल रिपेयरिंग का काम करते हैं। पैसे की बचत कर मैंने किराना दुकान भी खोली है। अब सालाना ढाई से तीन लाख रुपये की आमदनी हो रही है। जीविका से जुड़कर हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति काफी बेहतर हो गई है और जीविका के दम पर ही हमने अपने पति को शराब से मुक्ति दिला पाई।

जीविका इंदु भारती देवी ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने बकरी पालन का काम शुरू किया। उससे आमदनी होने पर पैसे की बचत कर सिलाई मशीन खरीदकर कपड़े सिलने का भी काम करती हूँ। धीरे-धीरे बकरी पालन का कारोबार बढ़ता गया। पति बाहर रहकर प्राइवेट जॉब करते थे, बाद में उन्हें भी गांव बुला लिया और उन्हें एक ट्रैक्टर खरीदकर दिया। अब परिवार की आर्थिक स्थिति काफी बेहतर हो गई है। जीविका योजना शुरू कराने के लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देती हूं।

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