पटना । जातिगत जनगणना, महंगाई, बेरोजगारी, संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग, संविधान और लोकतंत्र पर बढ़ते हमले, दलितों और गरीबों के खाद्य, आवास और अन्य लाभकारी योजनाओं में लगातार हो रही कटौती, मनरेगा जैसी योजना में कटौती, किसानों की आय दोगुनी करने, एमएसपी को कानूनी मान्यता देने तथा इसका विस्तार कर सभी फसलों पर लागू करने, नफरत और उन्माद-उत्पात की राजनीति पर रोक लगाने के साथ ही जन सरोकार से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर महागठबंधन में शामिल सभी छह दलों राजद, जदयू, कोंग्रेस, सीपीआई माले, सीपीएम और सीपीआई द्वारा राज्य के सभी 534 प्रखंड मुख्यालयों पर संयुक्त रुप से धरना दिया गया।
राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने बताया कि
धरनास्थलों पर लगातार सभा होती रही जिसे सम्बोधित करते हुए वक्ताओं द्वारा केन्द्र सरकार के जनविरोधी और संविधान विरोधी रवैए की तीखी आलोचना की गई।
राजद प्रवक्ता ने बताया कि महागठबंधन में शामिल दलों के सभी वरिष्ठ नेताओं के साथ ही सभी विधायक अपने अपने क्षेत्रों में आयोजित धरने में शामिल हुए। धरने के बाद अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सम्बद्ध प्रखंड विकास पदाधिकारी को सौंपा गया। केन्द्र सरकार के खिलाफ महागठबंधन की ओर से राज्य स्तर पर यह पहला आन्दोलनात्मक कार्यक्रम है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि प्रतिकूल मौसम और भीषण गर्मी में भी आज के धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आमलोगों और महिलाओं की भागीदारी हुई है। राजद प्रवक्ता ने बताया कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह आज पार्टी के प्रमंडलीय प्रभारी महासचिवों के साथ कार्यक्रम की समीक्षा की एवं कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राजद सहित महागठबंधन के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बधाई दी है।