बिहार

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह “दिनकर” के नए “खंड काव्य” का सीएम ने विधानसभा परिसर में किया विमोचन

चुन्नू सिंह, पटना।

हाय कर्ण तू क्यों जन्मा था…?
जन्मा तो क्यों वीर हुआ..? कवच और कुंडल भूषित भी
तेरा अधम शरीर हुआ ।
धंस जाए वह देश अतल में
गुण की जहां नहीं पहचान , जाति गोत्र के बल से हीं आदर पाते जहां सुजान ..।

कविता की ये पंक्तियां महान कवि रामधारी सिंह दिनकर की नई “खंड काव्य” के रूप में प्रकाशित पुस्तक “रश्मिरथी” की है । “दिनकर ग्रंथमाला” की माला में ये एक नई पुस्तक के रूप में जुड़ गई है । इस पुस्तक की आज विमोचन बिहार विधानसभा में परिसर में बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार , विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी, विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, मंत्री विजय कुमार चौधरी ,राष्ट्रीय आवास बोर्ड के अध्यक्ष सह बिहार~ झारखंड हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष और भागलपुर ~ बांका से एमएलसी विजय कुमार सिंह , राजद के वरिष्ठ नेता राम चंद्र पुर्वे सहित कई अन्य विधायक एवम् विधान परिषद के सदस्यों ने सामूहिक रूप से किया । “रश्मिरथी” पुस्तक “लोक भारती” प्रकाशन के द्वारा प्रकाशित की गई है। पुस्तक का आवरण अनिल अहूजा ने तैयार की है जिसमें 19 वी सदी की कांगड़ा शैली के काल चित्र को प्रदर्शित किया गया है । पुस्तक की कीमत ₹250 है । रामधारी सिंह दिनकर छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे । एक और उनकी कविताओं में ओज , विद्रोह , आक्रोश और क्रांति की पुकार है तो दूसरी और कोमल , श्रृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति । वे संस्कृत , बांग्ला , अंग्रेजी और उर्दू के भी बड़े जानकार थे । उन्हें “पद्म विभूषण” की उपाधि सहित “साहित्य अकादमी पुरस्कार” और “ज्ञानपीठ पुरस्कार” से भी सम्मानित किया गया था । बहुत दिनो के बाद महान कवि रामधारी सिंह दिनकर की एक नई “खंड काव्य” पुनः लोगों के बीच आई है जिसमे समाज के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है । पाठक निश्चित तौर पर इस पुस्तक का आनंद लेंगे । इसी अवसर पर विधान सभा परिसर में नए कैंटीन का भी उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया ।

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