बिहार

कजरी नृत्य के साथ 30 जुलाई को मनाया जाएगा ‘आनंदोत्सव’

सम्मेलन शिरोमणि', 'सम्मेलन-चूड़ामणि', 'सम्मेलन-रत्न' अलंकरणों से सम्मानित होंगे साहित्यकार, आहूत होगा भव्य

  • कवि-सम्मेलन, सम्मेलन-कर्मी भी होंगे सम्मानित

पटना। सम्मेलन के 42वें महाधिवेशन की व्यापक सफलता के उपलक्ष्य में आगामी 30 जुलाई को, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में ‘आनंदोत्सव’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें महाधिवेशन में मूल्यवान योगदान के लिए सम्मेलन की कार्यसमिति और स्वागत समिति के अधिकारियों और सदस्यों को ‘सम्मेलन-शिरोमणि’, ‘सम्मेलन चूड़ामणि’, ‘सम्मेलन-रत्न’ अलंकरणों से विभूषित किया जाएगा। इस अवसर पर ‘कजरी-नृत्य’ प्रस्तुत करने वाली नृत्यांगनाएँ भी सम्मानित की जाएँगी। प्रशंसनीय सेवाओं के लिए सम्मेलन-कर्मियों को भी ‘सम्मेलन-सेवी’सम्मान प्रदान किया जाएगा।
अपने अध्यक्षीय-कक्ष में, तैयारी की समीक्षा के पश्चात यह जानकारी देते हुए, सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने बताया है कि ‘कजरी-उत्सव’ की सांगितिक प्रस्तुतियों से आरंभ होने वाले इस आनंदोत्सव में एक भव्य कवि-सम्मेलन भी आयोजित होगा। संध्या-सहभोज के साथ यह उत्सव संपन्न होगा। सम्मान हेतु हैदराबाद से विशेष अंग-वस्त्रम मंगाया गया है। समारोह में ४२वें महाधिवेशन की स्वागत समिति के अध्यक्ष डा रवींद्र किशोर सिन्हा समेत सम्मेलन की कार्यसमिति और स्वागत समिति के सभी अधिकारी एवं सदस्यगण तथा आमंत्रित अतिथि भाग लेंगे।
समीक्षा बैठक में, सम्मेलन के अर्थ मंत्री प्रो सुशील कुमार झा, प्रबंधमंत्री कृष्ण रंजन सिंह, पुस्तकालय मंत्री ई अशोक कुमार, संगठन मंत्री डा शालिनी पांडेय, वरिष्ठ साहित्यकार एवं कार्यसमिति सदस्य बच्चा ठाकुर, कार्यसमिति सदस्य बाँके बिहारी साव, प्रवक्ता अप्सरा मिश्र, स्वागत समिति के महासचिव, आनंद मोहन झा, सम्मेलन के प्रशासी पदाधिकारी सूबेदार नंदन कुमार मीत, डा रणधीर मिश्र आदि उपस्थित थे।

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