बिहारराजनीति

लोकनायक के सपनों को साकार कर रहे है नरेंद्र मोदी : सम्राट चौधरी

आपातकाल को याद किया रविशंकर प्रसाद ने, क्रूरता और संघर्ष की कहानी को किया बयां

पटना। आपातकाल 25 जून 1975 भारतीय लोकतंत्र के काला दिवस के स्मरण और विरोध का संकल्प द्वारा आज विद्यापति भवन,पटना में प्रबुद्ध सम्मेलन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सम्राट चौधरी, सुशील कुमार मोदी, गंगा प्रसाद पूर्व राज्यपाल, नंदकिशोर यादव जी, अरूण कुमार सिन्हा,अमृता भूषण,अभिषेक कुमार जिला अध्यक्ष,पटना महानगर, श्री राजेश कुमार झा प्रदेश मीडिया प्रभारी,राकेश कुमार सिंह,अशोक भट्ट, राधिका रमण जी, नवीन सिंहा सहित कई प्रबुद्ध लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर के किया गया। साथ ही सुशील कुमार मोदी द्वारा लिखित पुस्तक “आपातकाल के वे खौफ भरे दिन” का लोकार्पण किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा की नरेंद्र मोदी सरकार के भारत के विकास यात्रा के 9 वर्ष पूरे हुए। इसका आयोजन देश भर में हो रहा है और गरीबों के विकास, राष्ट्रीय राजमार्ग के विकास,डिजिटल इंडिया के माध्यम से देश को एक बड़ी डिजिटल ताकत बनाने की सच्चाई आज दुनिया के लिए सार्थक चर्चा का विषय है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी विदेश जाते है तो आज अमेरिका सहित दुनिया भारत के लिए एक नए सम्मान कर आदर के साथ देखती है। इसका कारण है कि नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक तरीके से 2 बार देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री बने है जिनकी अगुवाई में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की 5वीं अर्थव्यवस्था बन गई है और बहुत जल्द दुनिया के तीसरे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। नरेंद्र मोदी के विकास का दायरा इन्क्लूसिव है जहां गरीबी कम हुई है,विकास के नए अवसर खुल रहे है,अधिक यूनिवर्सिटी, अधिक कॉलेज, मेडिकल कॉलेज,नए आईआईटी और नए एम्स खुल रहे है और भारत की सामरिक क्षमता ये बनी है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत अब पाकिस्तान में घुसकर प्रभावी कारवाई कर रहा है। ये 9 वर्ष उन्नति के साल है और उपलब्धि के साल है किंतु इसी 9 वर्ष के आयोजन में एक तारीख 25 जून भी आता है जिसके साथ भारत के लोकतंत्र का एक बहुत शर्मनाक काला अध्याय भी जुड़ा हुआ है। 25 जून 1975 को भारत में पहली बार इंटरनल इमरजेंसी लगाई गई। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के द्वारा, सारे नागरिक अधिकार छीन लिए गए, लाखों लोगों को जेल में बंद कर दी गई, अखबार की आजादी छीन ली गई, लोकनायक जयप्रकाश के साथ देश के विपक्षी पार्टी के सारे नेता को गिरफ्तार कर लिया गया। जो बंद हुए उसके खिलाफ न कोई अपील, न कोई दलील, न कोई सुनवाई, न कोई कारवाई। उन दिनों को याद करना जरूरी है ताकि आज की पीढ़ी इस काले अध्याय को याद रखे और लोकतंत्र के प्रति संकल्पित रहें।
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने आपातकाल के संघर्ष,आपातकाल के काले दौर और लोकतंत्र के मूल्यों पर अपनी बात रखी। इस दौरान उन सभी सत्याग्रहियों को नमन किया,जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का विरोध किया,और लोकतांत्रिक मूल्यों की आस्था को संजोकर रखा।
इस मौके पर राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा की 1975 में इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस ने लोगों के मौलिक अधिकार को छीनने और लोकतंत्र को कुचलने का काम किया। आज भी आपातकाल देश के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है। सुशील मोदी ने आपातकाल के समय के अपने संघर्षों को बयां किया।
बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि आपातकाल लगाकर कॉंग्रेस ने देशवासियों के हक अधिकार को छिनने का प्रयास किया था। सभी विपक्ष के नेता को यातनाएं देकर जेल में बंद कर दिया गया। प्रेस की आजादी समाप्त कर दी गई। भारतीय लोकतंत्र के स्वर्णिम इतिहास में आपातकाल काला अध्याय था ।

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