बिहारराजनीति

विपक्ष की एकता का नेतृत्व नीतीश के हाथों में सौंपने का फैसला गलत : डॉ. अरुण कुमार

पटना । नीतीश कुमार के करीब रह चुके पूर्व सांसद डॉ. अरूण कुमार ने आगामी बिहार में 12 जून को होने जा रही विपक्षी पार्टियों की बैठक का नेतृत्व बिहार के मुख्य मंत्री नीतीश कुमार के हाथों में सौंपने के फैसला को गलत बताया है।

चिराग पार्टी से जुड़े पूर्व सांसद अरुण कुमार ने कहा कि जिस तरह एनडीए का नेतृत्व बीजेपी करती है। उसी तरह महागठबंधन का नेतृत्व कांग्रेस को करना चाहिए, ना कि नीतीश कुमार को। अरुण कुमार ने बताया कि ममता बनर्जी चार बार से जीत रही हैं, अरविंद केजरीवाल की दो राज्यों में सरकार है, स्टालिन और केसीआर भी आगे नहीं आ रहे। क्योंकि यह जानते हैं कि वह विपक्षी एकता की पहल कर सकते हैं, लेकिन नेतृत्व करने की क्षमता सिर्फ कांग्रेस में हैं।
पूर्व सांसद ने कहा यह लोग चाहे जितना भी कहें कि वह राज्य और देश की भलाई के लिए साथ आए हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि लूट के माल को सुरक्षित रखने के लिए ही इस एकता की बात कही जा रही है। चारा घोटाला, सृजन घोटाला, नौकरी दो घोटाला, मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड यह सब इनका माथे पर मंडरा रहा है। तो एकता के कवच में खुद को सुरक्षित रखने की कोशिश हो रही है। यहां असुरक्षा के भाव से एकता का ढिंढोरा पिटा जा रहा है।

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