
•घोषणा पत्र के अनुसार छोटे और सीमांत किसानों के लिए पेंशन योजना क्यों नहीं शुरू हुयी: अंजुम आरा
•जदयू प्रवक्ताओं ने भाजपा से मांगे चंद सवालों के जवाब
पटना। जदयू के प्रदेश प्रवक्ता सह विधानपार्षद नीरज कुमार व प्रवक्ता अंजुम आरा ने पार्टी कार्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बिहार दौरे में की गयी बयानबाजी पर तीखा हमला बोलते हुए चंद सवालों का उनसे जवाब माँगा है। प्रवक्ताओं ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा बाल्मिकिनगर में जो काम किया गया था उसके लिए केन्द्रीय संस्थानों द्वारा 2014, 2017, 2018, 2021 में विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा गया था। हमें उम्मीद थी कि अमित शाह वहां चीता लेकर आयेंगे पर चीता की चर्चा तक नहीं की। स्वामी सहजानंद सरस्वती महान स्वतंत्रता सेनानी थे, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके जन्म तिथि व पुण्य तिथि को राजकीय समारोह का दर्जा दिया। उनकी आदमकद प्रतिमा पटना में लगवाई लेकिन शाह ने उन्हें भारत रत्न जैसे पद से नवाजने की घोषणा करना तक आवश्यक नहीं समझा। न ही बिहार के किसी बयानवीर भाजपा नेता ने यह मांग करने की हिम्मत की।
प्रवक्ताओं ने कहा कि केन्द्रीय गृहमंत्री का झूठ फिर से पकड़ा गया। उन्होंने कहा कि रक्सौल में हवाई अड्डे के लिए जमीन नहीं दिया गया, जबकि चहारदीवारी युक्त 152.775 एकड़ भूमि 26 मई 2022 को ही दे दिया गया है। साथ ही अमित शाह ने टेक्सटाइल पार्क के लिए जमीन नहीं देने की बात कही, जबकि पश्चिमी चंपारण के 3 अंचलों में लगभग 1700 एकड़ जमीन प्रस्तावित की जा चुकी है। उनके ”बजाओ ताली“ जैसे जुमले जब पुराने पड़ गए तो इस बार उन्होंने नया जुमला ‘‘भाइयों बताओ’’ और ‘‘भाइयों जोर से बोलो’’ जैसे जुमले का इस्तेमाल किया।
प्रवक्ताओं ने कहा जबतक नीतीश कुमार बिहार की राजनीति में हैं तब तक बिहार में भाजपा के सत्ता के दरवाजे में अलीगढ़ का ताला लगा हुया है। 2015 के चुनाव में नरेंद्र मोदी ने 52 चुनावी सभायें की थीं और भाजपा के सीटों की संख्या लगभग आधी रह गयी थी। प्रवक्ताओं ने सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा को यह बताना चाहिए कि 2021- 22 से पूर्वी भारत में हरित क्रान्ति की उप योजना क्यों बंद कर दी गयी? भाजपा को यह भी बताना चाहिए कि छोटे और सीमांत किसानों को पेंशन देने की योजना शुरू करने की बात लोकसभा चुनाव 2019 के घोषणा पत्र में की थी पर अबतक वो योजना शुरु क्यों नहीं की गयी? इस वर्ष पेश किये गए केन्द्रीय बजट में उर्वरक सब्सिडी के मद में 22.3प्रतिशत की कमी क्यों की गयी? प्रवक्ताओं ने कहा कि भाजपा नेताओं को जंगल राज की बात करने के पूर्व उन्हें नेशनल क्राईम ब्यूरो के आंकड़ों को भी एक बार देखना चाहिए। पटना एवं चम्पारण जिलों के आंकड़ों के अनुसार जनवरी 2022 से जुलाई 2022 की तुलना में बिहार में क्राईम के आंकड़े बाद के महीनों में घटे ही हैं।