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चुन्नु सिंह
साहिबगंज (झारखंड)
रविवार को “अंतरराष्ट्रीय भू वैज्ञानिक दिवस” 2024 “मॉडल कॉलेज राजमहल” में ऑनलाइन मनाया गया।प्रत्येक वर्ष अप्रैल के प्रथम रविवार को विश्व भर में भूवैज्ञानिक दिवस मनाया जाता है।
सन 1966 में इसकी परिकल्पना तैयार की गई थी। कहा जाता है की जियोलॉजी जो पढ़ लिया वह जीवन जी लिया। छात्र छात्राओं के लिए भू विज्ञान विषय रोजगार मुखी एवं अप्लाइड साइंस का महत्वपूर्ण विषय विज्ञान विषय है ।
आज पूरी दुनिया में भूवैज्ञानिकों के लिए एक ऐसा दिवस है जिस दिन उसके कार्यों को सराहा जाता है।
पेट्रोलियम पदार्थ तेल के क्षेत्र , कोयला पर्यावरण के क्षेत्र में हो , खनिज संपदा के क्षेत्र में , जल के क्षेत्र में हो , फॉसिल जीवाश्म के क्षेत्र में हो , इंजीनियरिंग के क्षेत्र में हो , रोड , रेल , सड़क हो या मानव जीवन के जुड़े हुए सभी क्षेत्रों में भू वैज्ञानिकों के द्वारा कई मौकों पर सहज सुलभ और सरल किया जाता है।
झारखंड खनिज संपदा स्टेट के साथ फॉसिल स्टेट है।
कोलकाता से भू विज्ञान में शोधकर्ता आदित्य कुमार ने कहा कि भू विज्ञान विषय में अपार संभावनाएं हैं , बस छात्र छात्राओं को एमएससी भू विज्ञान कर नौकरी और रोजगार के अनेक विभाग में सेवा दे सकते हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ रणजीत कुमार सिंह प्राचार्य मॉडल कॉलेज राजमहल ने किया। वकील सह पूर्व छात्र भू विज्ञान के ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि
राजमहल पहाड़ी भू विज्ञान और भू वैज्ञानिक के लिए तीर्थ स्थल से कम नहीं है।
राजमहल पहाड़ी में मिलने वाले खनिज संपदा, भू वैज्ञानिक संरचना, भू वैज्ञानिक घटना , करोड़ों साल पुराने फॉसिल जो इतिहास भूगोल और वातावरण जीव जंतु जीवन के उत्पत्ति से जुड़ा जानकारी देती , समुद्र ज्वालमुखी गंगा आदि बहुत सारे दिलचस्प रहस्य और रोमांच पैदा शोधार्थी के लिए करता है।
कार्यक्रम में शामिल हुए छात्र छात्राओं।