देश

शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए शैक्षिक महासंघ ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री और यूजीसी अध्यक्ष से की मुलाकात

यूजीसी विसंगति निवारण समिति की रिपोर्ट, रिफ्रेशर ओरियंटेशन कोर्स की छूट एवं करियर एडवांसमेंट योजना में विकल्प हेतु समय वृद्धि संबंधी समस्याओं का समाधान शीघ्र

नई दिल्ली। यूजीसी रेगुलेशन 2018 की विसंगति निवारण समिति की रिपोर्ट जारी करने, करियर एडवांसमेंट योजना हेतु यूजीसी रेगुलेशन 2010 के विकल्प की समय सीमा 31 दिसंबर 2023 तक बढ़ाने एवं रिफ्रेशर तथा ओरियंटेशन कोर्स की छूट 31 दिसंबर 2023 तक बढ़ाने जैसी उच्च शिक्षा के शिक्षकों की लंबित समस्याओं का समाधान शीघ्र कर दिया जाएगा । यह आश्वासन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार के साथ अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षा शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता में दिया गया।


इस संबंध में जानकारी देते हुए महासंघ के महामंत्री शिवानंद सिंदनकेरा ने बताया कि इन मांगों को लेकर महासंघ लंबे समय से केंद्र सरकार व यूजीसी पर निरंतर दबाव बनाए हुए था। महासंघ के प्रयासों के चलते अंततः इन समस्याओं का हल होने की स्थिति बनी है। सिंदनकेरा ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री के समक्ष विद्यालय एवं उच्च शिक्षा की विभिन्न लंबित समस्याओं पर विस्तार से वार्ता हुई। उच्च शिक्षा के यूजीसी संबंधी मुद्दों पर अलग से यूजीसी अध्यक्ष एवं जगदीश कुमार के साथ विस्तृत वार्ता हुई। वार्ता में सभी स्तर के शिक्षकों की समस्याओं से संबंधित प्रमुख विषयों में पुरानी पेंशन योजना लागू करने, सातवें वेतनमान की सिफारिशों को संपूर्ण देश में समान रूप से लागू करने, शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियमित नियुक्ति सुनिश्चित करने, सेवानिवृत्ति आयु एक समान रूप से 65 वर्ष करने, शिक्षकों को अशैक्षणिक कार्य से मुक्त करने, आधारभूत ढांचे हेतु पर्याप्त वित्तपोषण करने, शिक्षकों की समयबद्ध पदोन्नति सुनिश्चित करने, शिक्षा का व्यवसायीकरण रोकने, स्ववित्तपोषित संस्थाओं के शिक्षकों के नियुक्ति एवं समुचित वेतन आदि की सुरक्षा हेतु नियम बनाने, शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधाएं देने आदि विषय शामिल थे।

अतिरिक्त महामंत्री ( उच्च शिक्षा ) डॉ. नारायण लाल गुप्ता ने बताया कि उच्च शिक्षा से संबंधित चर्चा के अन्य विषयों में यूजीसी रेगुलेशन 2018 के प्रावधानों को एक समान रूप से लागू करने, पीएचडी हेतु सेवारत शिक्षकों को प्राथमिकता देने तथा कोर्स वर्क से छूट देने या ऑनलाइन करने, महाविद्यालय प्राचार्य का कार्यकाल सेवानिवृत्ति तक रखने, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश हेतु कॉमन काउंसलिंग की व्यवस्था करने, यूजीसी जेआरएफ स्कॉलरशिप बढ़ाकर डीएसटी स्कॉलरशिप के बराबर करने प्रमुख रूप से शामिल थे।
अतिरिक्त महामंत्री ( विद्यालय शिक्षा) संजय राउत ने बताया कि विद्यालय शिक्षा की अन्य मांगों में मिड डे मील की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए यह कार्य किसी स्वतंत्र एजेंसी को देने, उच्च योग्यता धारी शिक्षकों को अतिरिक्त वेतन वृद्धि देने प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में कक्षा वार शिक्षक तथा उच्च विद्यालयों में विषय वार शिक्षक की व्यवस्था करने, कौशल शिक्षा एवं प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा हेतु के प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति करने संबंधी विषय शामिल थे।
महासंघ ने प्रतिनिधिमंडल ने विद्यालय एवं उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में आ रही विभिन्न बाधाओं के संबंध में भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री और यूजीसी अध्यक्ष को विस्तार से अवगत कराया तथा उनके प्राथमिकता से समाधान की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने महासंघ की मांग पर विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति हेतु पीएचडी की बाध्यता हटाने तथा यूजीसी केयर लिस्ट में जर्नल्स की वैधता का वर्षवार ब्यौरा वेबसाइट पर दर्शाने संबंधी महत्वपूर्ण लंबित समस्याओं के समाधान हेतु केंद्रीय शिक्षा मंत्री और यूजीसी अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया। प्रतिनिधिमंडल में महामंत्री एवं अतिरिक्त महामंत्री के अलावा महासंघ के संगठन मंत्री महेंद्र कपूर, सह संगठन मंत्री जी लक्ष्मण, उच्च शिक्षा प्रभारी महेंद्र कुमार, उपाध्यक्ष कल्पना पांडे, सचिव गीता भट्ट एवं विद्यालय शिक्षा प्रभारी श्री पी वेंकट राव शामिल थे ।
यह जानकारी अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ एसकेएमयू के संगठन मंत्री डॉ रणजीत सिंह ने दी है

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button