बिहार

मुंगेर के प्रभारी सचिव व डी एम ने बस स्टैंड एवं बस डिपो का किया निरीक्षण

मुंगेर के पुराने बस डिपो को नए सिरे से मूर्त रूप देने हेतु प्रभारी सचिव सरकार से करेंगे वार्ता

लालमोहन महाराज ,मुंगेर

कृषि एवं परिवहन विभाग के सचिव सह जिले के प्रभारी सचिव संजय कुमार अग्रवाल आज जिलाधिकारी नवीन कुमार के साथ शहर के एक नंबर ट्रैफिक स्थित सरकारी बस स्टैंड एवं बस डीपो का जहां निरीक्षण किया, वहीं शंकरपुर जाकर उन्होंने किसानों से मक्का की फसल की खेती हेतु प्रोत्साहित करते हुए किसानों की अन्य समस्याओं से भी अवगत हुए । इस मौके पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी सहित अन्य उपस्थित थे।
प्रभारी सचिव सर्वप्रथम बस स्टैंड पहुंच कर वहां बस के ठहराव तथा वहां बने जर्जर भवन का भी निरीक्षण किया। वहीं रामलीला मैदान स्थित बने बस स्टैंड का भी उन्होंने जिलाधिकारी के साथ निरीक्षण किया। नए बने भवन तथा जर्जर भवन की स्थिति का भी उन्होंने जायजा लिया। तत्पश्चात प्रभारी सचिव डीजे काॅलेज के निकट बने बस डीपो का भी निरीक्षण किया। वहां उन्होंने बस के रख-रखाव को देखा। वहां की जगह देख उन्होंने कहा कि बस रखने हेतु यह अत्यंत ही सही जगह है, किन्तु इसकी जर्जर स्थिति को देख प्रतीत होता है कि इसके विकास की जरूरत है। इसे नए सिरे से मूर्त रूप देने हेतु सरकार से बात की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक ट्रैफिक स्थित बस पड़ाव का भवन भी अत्यंत जर्जर है, इसके जीर्णाेद्धार के लिए भी सरकार से बात की जाएगी।
प्रभारी सचिव जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के शंकरपुर के किसानों से भी जाकर मिले तथा उनकी समस्याओं से भी रूबरू हुए। उन्होंने वहां के किसानों से मक्का की खेती के लिए भी प्रोत्साहित किया, साथ ही किसानों ने भी उन्हें अपनी कई समस्याओं से अवगत कराया। किसानों ने कहा कि उक्त जमीन पहाड़ पर होने की वजह से खेती के लिए बहुत ज्यादा उपयुक्त नहीं है। परंतु यदि सिंचाई की समुचित व्यवस्था की जाए तो हम किसान खरीफ तथा रबी दोनों फसलों की खेती कर लाभान्वित हो सकते हैं। किसानों ने कहा कि सिंचाई के अभाव में इस बार धान की खेती नहीं हो पायी और प्रायः बारिश एवं सिंचाई के अभाव में धान की खेती में मुश्किल आती है। इस पर प्रभारी सचिव ने किसानों से मक्का की खेती के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि मक्का की खेती से भी आप खुद को लाभान्वित कर सकते हैं। साथ ही इसकी पैदावार भी आपको अच्छी आमदनी का जरिया बन सकती है।
किसानों ने कहा कि मक्के की खेती के लिए भी सिंचाई की ही समस्या है। किसानों ने कहा कि पानी के अभाव में हमारे मक्के की फसल भी इस बार प्रभावित हुई है, जिस कारण हम काफी चिंतित भी हैं। खेत के आसपास बने बांध के कारण भी हमलोगों की सिंचाई प्रभावित होती है, साथ ही बाढ़ के दौरान सारा फसल भी गंगा में ही डूब जाता है। उन्होंने वहां बने कुंओं के जीर्णाेद्धार की बात कही, जिस पर किसानों ने कहा कि पानी का लेयर काफी नीचे चले जाने के कारण कुंआ भी साथ नहीं देता। इस लिए यहां सिंचाई के लिए बोरिंग ही एकमात्र सही विकल्प है। किसानों ने कहा कि पथरीली जमीन होने के वजह से बोरिंग भी 300 फीट करने के बाद ही सही से सिंचाई युक्त पानी मिल पाएगा। किसानों ने सिंचाई हेतु बोरिंग की व्यवस्था ही कराने की मांग की। सचिव ने किसानों के हितार्थ सिंचाई हेतु बोरिंग एवं अन्य सुविधाओं के लिए सरकार से बात करने की बात कही। उन्होंने कहा कि यथा संभव आप किसानों को सिंचाई एवं खेती के लिए सहयोग किया जाएगा।

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