पटना । जदयू मुख्यालय में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय झा एवं विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने प्रदेशभर से पहुंचे आमजनों की शिकायतों को सुनकर उनके समाधान हेतु सम्बंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल भले ही राज्यसभा और लोकसभा से पारित हो चुका है लेकिन अभी भी इस बात को लेकर देश की जनता में संशय बना हुआ है कि धरातल पर महिला आरक्षण बिल का अनुपालन कब तक होगा।
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चौधरी ने कहा कि महिला आरक्षण बिल में परिसीमन की शर्त को जोड़ दिया गया है और परिसीमन की प्रक्रिया बगैर जनगणना के मुमकिन नहीं है। जनगणना को लेकर केंद्र सरकार का अब तक क्या रुख रहा है यह बात भी देश की जनता के सामने है। वर्ष 2021 में जो जनगणना का कार्य होना चाहिए था उसे लगातार टाला जा रहा है और यह भी निर्धारित नहीं है कि केंद्र सरकार जनगणना कब करवाएगी। कुलजमा बात यह है कि महिला आरक्षण बिल को लागू करने की प्रक्रिया इतनी जटिल दिखाई दे रही है की आम जनता के मन में इस बात को लेकर संदेह बना हुआ है कि गरीबों के खाते में 15-15 लाख रुपये और प्रति वर्ष 2 करोड़ युवाओं को नौकरी की तरह महिला आरक्षण बिल भी कहीं जुमला न साबित हो जाए।
अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नारी सशक्तिकरण को लेकर जो भी वादे किए थे उसे हूबहू सरजमीं पर चरितार्थ भी किए। केंद्र सरकार से हमारी मांग है कि महिला आरक्षण बिल को यथाशीघ्र लागू किया जाए ताकि हमारी माताएं एवं बहनों को इसका लाभ मिले।
पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में अशोक चौधरी ने कहा कि भाजपा जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ थी तो प्रधानमंत्री और भाजपा के सभी लोग नीतीश कुमार की प्रसंशा में कसीदे पढ़ते थे और अब साथ में नहीं है तो हर दिन उनकी आलोचना करते हैं। भाजपा के इस दोहरे चरित्र को बिहार की जनता अच्छे से समझ चुकी है।
कार्यक्रम में विधानपार्षद संजय कुमार सिंह ‘‘गांधी जी’’ एवं प्रदेश महासचिव अरुण कुमार सिंह उपस्थित थे।