- सूदखारी को खत्म करवाए सरकार, सूदखोरों पर कड़ी कार्रवाई हो
- खुसरूपुर की शर्मनाक घटना के जिम्मेवार अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी हो
- पीड़ितों को मुआवजा मिले और पुनर्वास की व्यवस्था हो
- भाजपा-आरएसएस द्वारा हिंसा व घृणा के माहौल के कारण दलितों-महिलाओं पर बढ़ा हमला
पटना । पटना जिले के खुसरूपुर में एक सूदखोर और उसके सहयोगियों द्वारा एक दलित महिला को निर्वस्त्र कर पीटने और उसके मुंह पर पेशाब करने की वीभत्स घटना की जांच में आज भाकपा-माले व ऐपवा की एक उच्चस्तरीय टीम खुसरूपुर पहुंची. इस टीम में ऐपवा नेता शशि यादव, माले के पालीगंज विधायक संदीप सौरभ, फुलवारी विधायक गोपाल रविदास, ऐपवा की राज्य सचिव अनिता सिन्हा, राखी मेहता और अनुराधा देवी शामिल थे.
जांच टीम ने कहा है कि पूरे देश में भाजपा और आरएसएस ने हिंसा व घृणा का जो माहौल बनाया है, उसकी वजह से दलितों व महिलाओं पर हमले की घटना में लगातार वृद्धि हो रही है. बेगूसराय में भी वहां के भाजपा सांसद गिरिराज सिंह लगातार नफरत का माहौल बनाने में लगे हुए हैं.
जांच टीम ने कहा है कि बिहार में सूदखोरी काफी गंभीर समस्या है. हमने बिहार सरकार से भी बारंबार कहा है कि सूदखोरी का अंत होना चाहिए, लेकिन गरीब लोग इसकी चपेट में आते जा रहे हैं. खुसरूपुर की घटना तो सूदखोरों के आतंक का एक ऐसा उदाहरण है जिसकी मिसाल भी नहीं मिलेगी.
जांच टीम ने पाया कि जिस महिला को अपमानित किया गया उन्होंने दो साल पहले सूदखोरों से कुछ ऋण लिया था, जिसका भुगतान दो से तीन दिन में ही कर दिया था. सूदखोर उस दो-तीन दिन का भी सूद चाहते थे और लगातार दबाव बनाए हुए थे. साहूकार की इस अनुचित मांग को लेकर पीड़िता ने पुलिस में कई बार शिकायत भी की थी.
सूदखोर के आतंक से रविदास जाति के 8 घरों का टोला आतंक के साए में हैं. 5 लोग बाजाप्ता अपने घर में ताला लगा चुके हैं. हाल ही में 2 और लोग गांव छोड़कर भागने पर मजबूर हुए. सिर्फ यही परिवार बचा हुआ था.
विगत 21 सितंबर को आरोपी प्रमोद सिंह और उसका बेटा अंशू सिंह एक बार फिर सूद का तकादा करने पहुंचे. जांच टीम को प्राप्त सूचना के मुताबिक अंशू सिंह ने महिला पर ईंट चला दिया. पुलिस आई और उसने मामले को रफा-दफा कर दिया. 23 सितंबर को सूदखोर दिन भर महिला पर हमले के लिए घात लगाए बैठे रहे. दिन भर वह महिला अपना घर बंद करके रही. बाद में सूदखोरों ने कहा कि यदि वह बाहर नहीं निकलती है तो उसके पति की हत्या कर देंगे. तब महिला घर से बाहर निकली और उसे निर्वस्त्र किया गया तथा मुक्कों एवं लाठियों से पीटा गया. बाद में पुलिस आई और प्राथमिक इलाज करवाया गया.
अस्पताल में भर्ती पीड़िता ने दावा किया कि उधार ली गई 1500 रूपए की रकम ब्याज समेत चुकाने के बावजूद उसे यह प्रताड़ना सहनी पड़ी है. महिला ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि प्रमोद सिंह ने अपने बेटे से मेरे मुंह पर पेशाब करने के लिए कहा. उसने वैसा ही किया.
भाकपा-माले जांच दल इस घटना के जिम्मेवार अपराधी प्रमोद सिंह और अंशू सिंह की तत्काल गिरफ्तारी, पीड़ित महिला का समुचित इलाज, सूदखोरी पर रोक लगाने व उसकी माफी तथा पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने व पुनर्वास की मांग बिहार सरकार से की है.
इस सवाल पर भाकपा-माले व ऐपवा की ओर से आगामी 26-27 सितंबर को दो दिवसीय प्रतिरोध दिवस आयोजित किया जाएगा.