बिहार

बिहार में कृषि के क्षेत्र में काफी काम हुआ है :  नीतीश

  • चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रण के लिए आयोजित ‘किसान समागम में शामिल हुए मुख्यमंत्री

पटनाl  मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने आज सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र स्थित बापू सभागार में चतुर्थ कृषि रोड मैप के सूत्रण के लिए आयोजित किसान समागम का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान समागम में राज्यभर से आये सभी किसानों का स्वागत और अभिनंदन करता हूं। बिहार में कृषि के विकास के लिए कृषि रोडमैप बनाया गया। वर्ष 2008 में पहले कृषि रोडमैप पर काम शुरु हुआ। इस कृषि रोडमैप पर काम चार साल चला। वर्ष 2012- 2017 तक दूसरे कृषि रोडमैप के आधार पर 5 साल काम हुआ। इसी तरह वर्ष 2017 से लेकर इस वर्ष मार्च तक तीसरे कृषि रोडमैप पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने तय किया कि एक और कृषि रोडमैप यानी चौथा कृषि रोड मैप बनाकर उस पर आगे काम करेंगे। बिहार में कृषि के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। आज के इस किसान समागम में हमने किसानों के सुझाव सुने हैं। उनकी बातों को सुनकर मुझे काफी खुशी हुई है। हम तो शुरु से चाहते हैं कि राज्य में कृषि का विकास हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले यहां फसलों का उत्पादन काफी कम होता था लेकिन अब हर चीज का उत्पादन बढ़ा है। बिहार में मक्का का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 27.39 क्विंटल से बढ़कर 52.36 क्विंटल हो गया है। गेहूं का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 23.25 क्विंटल से बढ़कर 30. 78 क्विंटल हो गया है। इसी तरह धान का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 12.37 क्विंटल से बढ़कर 24.96 क्विंटल हो गया है। बिहार में दूध, सब्जी और मछली का उत्पादन भी काफी बढ़ा है। बिहार में पहले सिर्फ 2.88 लाख मीट्रिक टन मत्स्य उत्पादन होता था। हमलोगों का लक्ष्य इसे बढ़ाकर 8 लाख मीट्रिक टन करने का है। कृषि रोड मैप के क्रियान्वयन के पश्चात् राज्य का वर्तमान मत्स्य उत्पादन 7.62 लाख मीट्रिक टन हो गया है। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में कई तरह के काम किए जा रहे हैं। हमने स्वयं सहायता समूह का गठन कराया और जीविका दीदी नामकरण किया। जीविका दीदियां कृषि, पशुपालन सहित अन्य जीविकोपार्जन के कार्य बेहतर ढंग से कर रही हैं। कई अन्य क्षेत्रों में भी जीविका की दीदियां अच्छा काम कर रही हैं। महिलाएं आगे बढ़ें, इसको लेकर हमलोगों ने शुरु से प्रयास किया हैं। पहले सिर्फ पुरुष काम करते थे और महिलाएं घर में खाना बनाती थीं। महिलाओं का विशेष महत्व है। महिलाएं आगे बढ़ेंगी तो परिवार आगे बढ़ेगा। आज 1.30 करोड़ महिलाएं जीविका समूह से जुड़ी हुई हैं। 10 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है। बिहार की 75 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। पहले के तीन कृषि रोड मैप में जो लक्ष्य रखे गए हैं उस पर काफी काम किए गए हैं। कृषि रोडमैप के कारण कृषि के क्षेत्र में काफी विस्तार हो रहा है। चौथे कृषि रोडमैप तैयार करने को लेकर काफी चर्चा हुई है। कई लोगों ने भी आज अपनी राय रखी है। सभी लोगों से अपील है कि वे लोग अपनी राय लिखकर भी दे दें ताकि सभी चीजों को ठीक ढंग से देख लिया जाएगा और उसके बाद फाइनल प्रारूप तैयार होगा। सभी की राय से चौथे कृषि रोडमैप पर अंतिम निर्णय लिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए हमलोग लगातार प्रयासरत हैं। हमलोग चाहते हैं कि देश का हर आदमी बिहार में उत्पादित कोई न कोई चीज खाये। पिछले कृषि रोडमैप को तैयार करने के समय भी सभी लोगों से राय ली गयी थी। उन्होंने कहा कि हमलोग महंगी बिजली खरीदकर किसानों को सस्ते दर पर बिजली देते हैं। बिहार में मामूली दर पर उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराया जा रही है। मुफ्त में बिजली की मांग नहीं करनी चाहिए। बिजली का सदुपयोग करना चाहिए। इसका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। घरेलू कार्य के अलावे कृषि कार्य के लिए भी बिजली दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सात निश्चय-2 के अंतर्गत हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाने के लिए काम किया जा रहा है। उत्तर बिहार में हमेशा बाढ़ की स्थिति पैदा होती है। इसकी रोकथाम को लेकर नेपाल मदद नहीं कर रहा है। इसके समाधान को लेकर काम किया जा रहा है। हमलोगों का मकसद है कि फसलों का उत्पादन बढ़े और साथ ही किसानों की आमदनी भी बढ़े। बाढ़ एवं सुखाड़ की स्थिति में प्रभावित सभी लोगों की हमलोग मदद करते हैं। जिनके पास जमीन हैं सिर्फ उन्हीं को नहीं बल्कि कृषि कार्य से संबद्ध सभी लोगों की मदद करते हैं। जमीन को लेकर परिवार में तथा समाज में आपसी झगड़ा नहीं होना चाहिए। 60 प्रतिशत हत्याएं सिर्फ जमीन विवाद के कारण होती है। भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है। हमलोग चाहते हैं कि यह काम जल्द से जल्द पूरा हो। हमलोग आपस में झगड़ा न करें। समाज में भाईचारे का माहौल रखें। जब तक हम हैं तब तक किसानों के हित एवं उत्थान के लिए काम करते रहेंगे। हमारा परिवार भी किसान रहा है। बचपन से हम भी खेती को देखते रहे हैं और उसके बारे में जानते हैं। किसानों के विकास के लिए क्या-क्या किया जाना चाहिए इसपर हमलोग काम कर रहे हैं। मार्च तक कृषि रोडमैप बनकर तैयार हो जायेगा। पिछले बार की तरह ही हमलोग राष्ट्रपति को बुलाकर चौथे कृषि रोडमैप का शुभारंभ करायेंगे। आजकल नई टेक्नोलॉजी लोग सदुपयोग कम बल्कि दुरुपयोग ज्यादा करते हैं। पहले क्या स्थिति थी अब बदलाव आया है, इसे भूलियेगा मत। बिहार के विकास को लेकर हमलोग काम कर बिहार का और विकास करेंगे। बिहार आगे बढ़ेगा तभी देश आगे बढ़ेगा।

कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत, मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार डॉ० मंगला राय, डॉ० राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के कुलपति डॉ० बी०एस० पाण्डेय, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ० रामेश्वर सिंह, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति डॉ० डी०आर० सिंह, कृषि सह पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सचिव श्री एन० सरवन कुमार ने संबोधित किया। किसान समागम में 5000 किसान शामिल हुए जिसमें 22 किसानों ने चतुर्थ कृषि रोड मैप के लिए अपने-अपने सुझाव रखे। लखीसराय के किसान श्री अमित कुमार ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि पहले के तीन कृषि रोड मैप से किसानों को बहुत फायदा हुआ है। हम पुणे से एम०बी०ए० किए हैं और कोरोना के दौरान बिहार आए और मशरूम की खेती करने लगे। हमने सोचा नहीं था कि हम बिहार में खेती करेंगे, यह सब सरकार के सहयोग से संभव हो पाया।मधेपुरा के किसान श्री शंभू शरण भारतीय ने कहा कि मुख्यमंत्री के खूबसूरत इरादे और बुलंद हौसले को मैं सलाम करता हूं। कृषि रोड मैप से आपने फसलों का उत्पादन बढ़ा दिया जिससे किसानों को काफी फायदा हो रहा है।

कार्यक्रम के दौरान तीनों कृषि रोड मैप की उपलब्धियों पर प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को पौधा एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर कृषि विभाग के सचिव श्री एन0 सरवन कुमार ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कुछ किसानों को सांकेतिक रूप से सम्मानित करते हुये पौधा भेंट किया । मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के पूर्व कृषि रोड मैप (वर्ष 2008-2023) की उपलब्धियों पर आधारित फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

कार्यक्रम के पश्चात् पत्रकारों द्वारा उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा नई पार्टी के गठन को लेकर पूछे गये प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि उसका कोई मतलब नहीं है। यह उनकी इच्छा है। आप सोच लीजिये कि वर्ष 2021 में वो हमलोगों के साथ आये और बोले कि अब हम साथ रहेंगे लेकिन उनका अब मन किया तो वो फिर चले गये। उनके जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। इस बार वे कह रहे थे कि सब दिन के लिए आप के साथ रहेंगे, मुझे आने दीजिए। यह बात पार्टी के सब लोगों को ठीक नहीं लगती थी, फिर भी हमने लोगों को समझाया। अब इधर हाल में उन्हें क्या हो गया वो जानें।

वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दावेदारी को लेकर श्री उपेन्द्र कुशवाहा द्वारा दिए गये बयान के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कौन क्या बोलता है, उसे आप समझ ही सकते हैं। यहाँ वो क्या करने और क्यों आये थे? यहाँ आने की ज़रूरत क्या थी? ऐसे ही पब्लिसिटी पाने के लिए कुछ-कुछ बोलते रहना है। हम आपलोगों से आग्रह करेंगे कि यह पब्लिसिटी की चीज नहीं है। हमलोगों को इससे कोई मतलब नहीं है इसलिए हमलोगों से कुछ मत पूछिए। जहाँ जाना था वो चले गये।

उपेन्द्र कुशवाहा से बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष  संजय जायसवाल द्वारा की गयी मुलाकात के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमको क्या पता? यह तो आप समझ ही सकते हैं।

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