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पटना। जदयू मुख्यालय के कर्पूरी सभागार में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि 28 मई को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन स्वयं करने का निर्णय लिया गया है जिसके विरोध में जनता दल यू 28 मई को पटना हाईकोर्ट के समीप बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास एकदिवसीय उपवास करेगी।
उन्होंने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति संसदीय प्रणाली का एक प्रमुख अंग होते हैं और हमारी पार्टी का मानना है सर्वोच्च संवैधानिक पद पेे बैठे महामहिम राष्ट्रपति से ही संसद भवन का उद्घाटन किया जाना चाहिए था परन्तु भाजपा की मौजूदा सरकार तमाम नैतिक व संवैधानिक मूल्यों को ताक पर रखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नए संसद भवन का उद्घाटन करवा रही है जो की सीधे तौर पर भारत के प्रथम नागरिक, आदिवासी समाज और देश की महिला समाज का घोर अपमान है।
प्रदेश अध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा बाबा साहेब के संविधान को बदलकर देश में मोदी संविधान लागू करना चाहती है। जबसे केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है तबसे संविधान के मूल ढांचों पर प्रहार किया जा रहा है। सत्ता के अहंकार में भाजपा अंधी हो चुकी है। संविधान पर हमला भारत की महान सभ्यता और संस्कृति पर हमला है। देश की जनता इसको कभी स्वीकार नहीं करेगी।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जब संसद भवन का शिलान्यास किया जा रहा था तब भी देश के राष्ट्रपति एक दलित थें और उस समय भी उन्हें शिलान्यास समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया था। भाजपा लगातार देश के दलित, आदिवासी और महिलाओं का अपमान कर रही है। यह किसी भी कीमत पे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारी पार्टी भाजपा के इस घटिया राजनीति का पुरजोर विरोध करेगी और रविवार को हजारों की संख्या में जदयू के कार्यकर्ता एकदिवसीय उपवास में शामिल होकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट करेंगे।
इस प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से पार्टी के कोषाध्यक्ष सह विधान पार्षद ललन कुमार सर्राफ, मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार एवं मुख्यालय प्रभारी वासुदेव कुशवाहा उपस्थित थे।