बरारी में मुर्गी फ्लू की पुष्टि होने के बाद मुर्गा-मुर्गी सहित सभी पक्षियों को मारने का आदेश, टीमें गठित
भागलपुर। क्षेत्रीय कुक्कुट प्रक्षेत्र बरारी के नमूनों में मुर्गी फ्लू (एविएन एनफ्लुएंजा,एच5एन1) की पुष्टि होने के बाद इसके रोकथाम के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। रोग के उद्भेदन स्थान से एक किलोमीटर के दायरे को संक्रमित क्षेत्र घोषित किया गया है। इस दायरे में रहने वाले वाले सभी मुर्गा-मुर्गियों और अन्य पक्षियों को मारने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए विधिवित तीन का टीम का भी गठन किया गया है। इसके साथ ही 10 किमी के दायरे पर सख्त निगरानी रखी जा रह है।
जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, आनंद नगर, भोपाल ने भेजे गये नमूनों के आधार पर भागलपुर के बरारी में मुर्गी फ्लू की पुष्टि की है। इसके साथ ही प्रशासन ने इस इलाके में मुर्गी फ्लू से निपटने के लिए कमर कस लिया है। आकलन के लिए तीन टीम का गठन किया गया है। इस टीम में वार्ड संख्या 27,28 और 29 में आकलन की जिम्मेदारी क्रमश : डॉ. निरंजन कुमार, डॉ. अर्जाइल रॉबर्टशन, और डॉ. संजय कुमार को सौंपी गयी है। अकलन टीम के सभी सदस्यों को हिदायत दी गई है कि आकलन के बाद अपने अपने इलाका विशेष के पक्षियों की संख्या से संबंधित संयुक्त प्रतिवेदन देंगे। रिपोर्ट जमा करने के पश्चात भागलपुर के जिला पशुपालन पदाधिकारी पक्षियों को मारने के लिए आवश्यक सामग्री की व्यवस्था करेंगे।
मुर्गी फ्लू के उद्भदेन क्षेत्र के एक किमी के दायरे से बाहर स्थिति पर नजर रखने के लिए नियंत्रण कक्ष भी बनाया जा रहा है। सभी प्रभावित वार्डो में रोगग्रस्त मुर्गियों को मारने के लिए दो टीमें बनाई गयी हैं। तकनीकी सहायता देने के लिए पशुपालन विभाग में कार्यरत पशु चिकित्सा पदाधिकारी और पशु पर्यवेक्षकों की तैनाती की जा रही है। इनमें क्षेत्रीय कुक्कुट प्रक्षेत्र भागलपुर के प्रबंधक डॉ. सुधीर रंजन कुमार साहनी, सहायक प्रबंधक डॉ. सत्येंद्र कुमार, डॉ. रविंद्र कुमार, डॉ. निर्मल कुमार सिंह, डॉ. राकेश कुमार भारती, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. सुशील कुमार, बेनी माधव, मो. जैनुल आब्दीन, अवध कुमार पोद्दार, अभय कुमार सिंह और मो.एजाज अख्तर शामिल हैं।
प्रत्येक टीम अपने मुकाम पर पहुंच कर मुर्गा-मुर्गियों को ठिकाने लगाएगी। भागलपुर नगर निगम द्वारा चिन्हित वार्डो (27,28,29) में आबादी से बाहर 2 मीटर लंबाई, चौड़ाई और गहराई के गड्डे खोदे जाएंगे जिनमें मारने के बाद मुर्गों और बत्तखों को दफन किया जाएगा। संक्रमित जोन में सभी पक्षियों को ठिकाने के लगाने के बाद इस क्षेत्र को सैनेजाइजेशन सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इस दौरान प्रभावित क्षेत्र में पशु-पक्षियों और अंडों की खरीद बिक्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी।