बिहारराजनीति

फसल अवशेष प्रबंधन के संबंध में लोगों को जागरूक करें : नीतीश

  • सीएम नीतीश कुमार ने बेलछी पंचायत के मुर्तजापुर गांव में विकासात्मक एवं लोक-कल्याणकारी योजनाओं का किया निरीक्षण

पटनाl मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार समाधान यात्रा के क्रम में आज पटना जिले के बेलछी प्रखंड पहुंचे एवं बेलछी पंचायत के मुर्तजापुर गांव में विकासात्मक एवं लोक-कल्याणकारी योजनाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने विभिन्न जीविका स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री ने मत्स्य प्रक्षेत्र तथा जैविक उत्पादों के स्टॉलों का निरीक्षण किया एवं इस संबंध में अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली। कृषि विभाग द्वारा कृषि यंत्रों से संबंधित लगायी गयी प्रदर्शनी का भी उन्होंने अवलोकन किया। उन्होंने सांकेतिक तौर पर छह किसानों को कृषि यंत्रों की चाबी प्रदान की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के संबंध में लोगों को जागरूक करें। पर्यावरण सुरक्षा एवं जलवायु परिवर्तन के खतरों को कम करने हेतु पराली जलाने पर रोक लगाएं। अनुदानित दर पर किसानों को दिए जाने वाले कृषि यंत्रों के संबंध में अधिक प्रचार-प्रसार करायें ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित हो सकें।

मुख्यमंत्री ने जैविक कोरिडोर योजना अंतर्गत किसानों द्वारा की जा रही जैविक खेती से संबंधित स्टॉलों का निरीक्षण किया। बख्तियारपुर, बेलछी, खुशरूपुर, बाढ़, मोकामा सहित विभिन्न प्रखंडों के किसानों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपने अनुभव साझा किये। मुख्यमंत्री ने कस्टम हायरिंग सेन्टर एवं कृषि विभाग द्वारा यांत्रिकरण योजना अंतर्गत संकुल संघ को प्रदत्त अनुदान तथा जीविका परियोजना द्वारा संचालन के लिए दी गई सहायता के बारे में लाभुकों से जानकारी प्राप्त की। जीविका स्वयं सहायता समूहों की दीदियों ने मुख्यमंत्री से अपने अनुभव साझा किये।

मुख्यमंत्री ने मधुमक्खी पालन, ड्रिप सिंचाई पद्धति के साथ केले की खेती समेकित कृषि प्रणाली के तहत ड्रिप के साथ केला -सह- उन्नत मत्स्य उत्पादन सहित मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास योजना के लाभुकों से बातचीत की। मुख्यमंत्री द्वारा तालाब मात्स्यिकी हेतु यांत्रिक एरेटर, ट्यूबवेल पम्प सेट, जिंदा मछली बिक्रय केन्द्र, उन्नत इनपुट योजना, बायोक्लॉक तालाब एवं मत्स्य बीज हैचरी का भी अवलोकन किया गया तथा लाभुकों से उनके अनुभव के बारे जानकारी ली गयी। कुल 15 एकड़ जल क्षेत्र में मत्स्य पालन योजना अंतर्गत मिश्रित मत्स्य पालन तालाबों का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विकास योजना अंतर्गत तालाब मात्स्यिकी हेतु यांत्रिक एरेटर का स्वीच दबाकर शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की सहायता के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। कृषि रोड मैप में सभी तरह के प्रावधान किये गये हैं। किसानों को उन्नत खेती के लिए सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है। उन्होंने मत्स्य पालन योजना के लाभुकों को सोलर लाईट का अधिकाधिक प्रयोग करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमंडलीय आयुक्त एवं

जिलाधिकारी के नेतृत्व में पटना जिले में अच्छा काम हो रहा है। किसानों की खुशहाली के लिए सभी पदाधिकारी तत्पर हैं। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुये कहा कि बिहार में वर्ष 2008

में पहला कृषि रोड मैप लागू किया गया। कृषि रोड मैप के अंतर्गत मत्स्य पालन किया जा रहा है। पहले बिहार में बाहर से मछली की आपूर्ति होती थी। अब बहुत कम मात्रा में बाहर से मछली लायी जाती है। इसी साल मछली उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जायेगा। अब बिहार में बाहर से मछली लाने की जरुरत नहीं होगी। तीसरे कृषि रोड मैप की अवधि अब खत्म हो रही है। अब बिहार में चौथा कृषि रोड मैप लाया जा रहा है। यहां पर क्या-क्या काम हुआ है उसे हम आज देखने आये हैं। यहां पर बहुत अच्छा काम हुआ है। यहां पर हम हमेशा आते रहे हैं। जब हम केंद्र सरकार में मंत्री थे तब भी हम यहां आकर रुकते थे। टाल क्षेत्र के विकास के लिए सबसे पहले हमने ही योजनाएं शुरु करायी थी। राज्य सरकार की तरफ से टाल क्षेत्र के विकास को लेकर बहुत बड़ी योजनाएं बनाई गई हैं। जब हम 1985 में विधायक थे तो टाल क्षेत्र का कैसे विकास होगा इसको लेकर यहां से लेकर नालंदा तक घूमते रहते थे। पहले जब इस क्षेत्र में आना होता था तो वर्ष में चार महीने नाव से ही आना पड़ता था। अब वैसी स्थिति इन क्षेत्रों की नहीं है लेकिन अभी और ज्यादा विकास करना है, जिसे हमलोग करेंगे। यहां पर अच्छे तरीके से काम होने से काफी फायदे हैं। टाल क्षेत्र को लेकर सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से सभी लोगों को सुविधा होगी। पहले इन इलाकों में जलजमाव होने के कारण किसान वर्ष में एक ही फसल उगा पाते थे। इन इलाकों में पहले कई-कई सालों तक खेती नहीं भी होती थी। हमलोगों की कोशिश है कि किसानों को कोई दिक्कत नहीं हो और वे अपनी दोनों फसलें उगा सकें। इन क्षेत्रों को लेकर हमारा काफी पुराना अनुभव है। इसको लेकर हमलोग इन क्षेत्रों के लिए काम कर रहे हैं। काफी तादाद में किसान अब जैविक खेती कर रहे हैं। हमलोगों ने वर्ष 2015-16 में ही बिहार में जैविक खेती की शुरुआत की थी। अब बिहार में बड़े पैमाने पर जैविक खेती हो रही है।

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