पटना। विगत रामनवमी में बिहारशरीफ सहित राज्य के कई अन्य हिस्सों में भाजपा-संघ द्वारा की गई सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ भाकपा-माले का 11 अप्रैल से चल रहा सद्भावना एकजुटता अभियान का कार्यक्रम आज संपन्न हो गया. आज डाॅ. भीमराव अंबेडकर के जन्म दिन पर पूरे राज्य में उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण के साथ फासीवादी ताकतों को मुकम्मल तौर पर पीछे धकेलने का संकल्प भी लिया गया.
राजधानी पटना में उच्च न्यायालय के पास अवस्थित डाॅ. अंबेडकर की मूर्ति पर माले नेताओं ने पुष्पांजलि की. भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल, वरिष्ठ नेता केडी यादव, शशि यादव, अभ्युदय, अनिता सिन्हा, आर एन ठाकुर, एसके शर्मा, शिवसागर शर्मा, समता राय आदि नेताओं ने पुष्पांजलि की.
मौकेे पर पन्ना लाल, मुर्तजा अली, केके सिन्हा, संजय यादव, जितेन्द्र कुमार, डाॅ. प्रकाश, पुनीत, प्रमोद यादव, प्रकाश कुमार, आइसा के अनिवेश चंदन, नीरज, साकेत, अभिषेक और खेग्रामस के दिलीप सिंह भी उपस्थित थे.
इस अवसर पर राज्य सचिव कुणाल ने अपने संबोधन में कहा कि आज जब संविधान के नाम पर भारत पर शासन कर रही फासीवादी सत्ता आधुनिक भारत के इस मूल दस्तावेज और ढांचे के खिलाफ एक अनवरत शातिराना युद्ध छेड़ रही है, तो हमें अम्बेडकर के क्रांतिकारी विचारों को ग्रहण करने और उनकी महान लोकतांत्रिक विरासत को कायम रखन के लिए बार-बार उनके पास जाने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि डाॅ. अंबेडकर हिंदुत्व की विनाशकारी विचारधारा के प्रति बेहद सचेत थे. उन्होंने कहा था कि यदि हिंदू राज एक हकीकत बन जाता है, तो निस्संदेह, यह इस देश के लिए सबसे बड़ी आपदा होगी. दुर्भाग्य से आज देश वही दौर देख रहा है. हमने हाल में बिहारशरीफ-सासाराम और राज्य के कई अन्य दूसरे हिस्सों में उनका तांडव देखा, जब शिक्षा के एक 100 साल पुराने केंद्र मदरसा अजीजिया को पूरी तरह जला दिया गया.
सद्भावना एकजुटता कार्यक्रम के तहत आज बिहारशरीफ के हिलसा सहित इसलामपुर, बेतिया, सिकटा, मोतिहारी, जहानाबाद, मुजफ्फरपुर, सिवान, समस्तीपुर, बक्सर, आरा, दरभंगा, पालीगंज, गया आदि जगहों पर भी डाॅ. अंबेडकर की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और फासीवाद को मिटाने का संकल्प लिया गया.
इस अभियान के तहत माले कार्यकर्ताओं ने बिहारशरीफ व सासाराम के साम्प्रदायिक हिंसा में स्थानीय भाजपा विधायक, पूर्व विधायक और सांसद की भूमिका की उच्चस्तरीय जांच कराने, साम्प्रदायिक हिंसा के दोषी संघ-भाजपा के तमाम अपराधियों को गिरफ्तार करने, साम्प्रदायिक हिंसा में डीएम-एसपी की भूमिका की जांच करने, साम्प्रदायिक हमले के शिकार मुस्लिम सम्प्रदाय पर दमन बन्द करने, साम्प्रदायिक हमले में लूट लिए गए तमाम दुकानदारों, मृतक, घायलों व पीड़ितो को मुआवजा देने, मदरसा के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई की तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करने; मदरसा, सोगरा कॉलेज और मस्जिद के पुनरूद्धार की जिम्मेवारी राज्य सरकार द्वारा करवाने, सांप्रदायिक हिंसा के जिम्मेवार बजरंग दल के अपराधियों को गिरफ्तार व प्रतिबंधित करने आदि की भी मांगे उठाईं.