दिवंगत नित्यानंद सिंह चौहान के द्वादश श्राद्ध कार्यक्रम पर स्वजनों की आंखें नम हो गई
लालमोहन महाराज, मुंगेर
मुंगेर जिले के धरहरा निवासी 82 वर्षीय दिवंंगत नित्यानंद सिंह चौहान के द्वादश श्राद्ध कार्यक्रम में स्वजनों की आंखें नम हो गई। श्राद्ध कार्यक्रम में पहुंचे पंडित साहित्याचार्य कृष्ण देव झा व महापात्र गिरीश झा के द्वारा विधि विधान के अनुसार द्वादश कार्यक्रम संपन्न कराया गया। कार्यक्रम में उपस्थित दिवंगत नित्यानंद बाबू की पत्नी शकुंतला देवी ,पुत्र उमाकांत सिंह, शिव कुमार सिंह ,कन्हैया कुमार सिंह ,पुत्री रजनी सिंह व मीरा सिंह , रणवीर सिंह पिंकू सिंह चौहान पौत्र अभिनव कुमार ,अमन कुमार , सार्थक, पौत्री सोनाक्षी ,सुनिधि चौहान, सांझ चौहान ,सौम्या चौहान स्वजन सेवानिवृत्त सहकारिता प्रसार पदाधिकारी नंद कुमार सिंह, भागलपुर के रिटायर्ड सीआईटी निर्मल कुमार सिंह ,नंदकिशोर सिंह , नंदन सिंह ,विपिन कुमार सिंह ,अतुल कुमार सहित दूर-दूर से पहुंचे स्वजनों की आंखें नम हो गई। इस अवसर पर दिवंगत नित्यानंद सिंह के परम मित्र स्वःबैकुण्ठ महाराज के पुत्र पत्रकार सह भारतीय पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष लालमोहन महाराज, पंचायत समिति सदस्य पंकज कुमार ठाकुर, विनय महाराज ने भी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया। साहित्याचार्य कृष्ण देव झा ने कहा कि
पिता एक ऐसा शब्द है, जिसके महत्व के विषय में जितनी भी बात की जाए, कम ही है। एक बच्चे के जीवन में पिता का बड़ा महत्व होता है। पिता से हमें जीवन की वह सब चीज़े मिलती है,जो जिन्दगी को बेहतर बनाने की लिए काफी होती है। पिता के संस्कार और आदर्श ही हमें जीवन में बहुत आगे तक ले जाते हैं। इसलिए सभी अपने माँ-बाप का ख्याल रखें। वहीं दूसरी ओर उन्होंने मां के महत्व पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि माँ के बिना भी अपने जीवन की कल्पना भी नही कर सकते हैं। माँ की महानता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंसान भगवान का नाम लेना भले ही भूल जाये, लेकिन माँ का नाम लेना नही भूलता है। माँ को प्रेम व करुणा का प्रतीक माना गया है। एक माँ दुनियां भर के कष्ट सहकर भी अपने संतान को अच्छी से अच्छी सुख-सुविधाएं देना चाहती है। मां, माता ऐसे कई नामों से हम जन्म देने वाली मां को पुकारते है। अपने संतान के प्रति माता व पिता का प्रेमभाव कभी नहीं बदलता है।संतान के प्रति हृदय प्रेम , लगाव और त्याग की भावना एक मां में सदैव होती है।