बिहारराजनीति

मुख्य गंगा नदी के किनारे सबसे सुंदर तीर्थ के रूप में विकसित होगा सिमरिया धाम: संजय कुमार झा

राजकीय कल्पमास मेले के दौरान श्रद्धालुओं को मिल रही सुविधाओं का निरीक्षण कर लिया फीडबैक

  • जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा ने किया सिमरिया धाम का स्थल निरीक्षण
  • जल संसाधन विभाग द्वारा कराये जा रहे सीढ़ी घाट, धर्मशाला एवं अन्य सुविधाओं के निर्माण का लिया जायजा

पटना।’मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इच्छा के अनुरूप हमलोग सिमरिया धाम को गंगा नदी की मुख्य धारा के किनारे सबसे सुंदर तीर्थ के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए जल संसाधन विभाग द्वारा यहां सीढ़ी घाट, रीवर फ्रंट, धर्मशाला एवं अन्य सुविधाओं का निर्माण तेजी से कराया जा रहा है। इस योजना के पहले फेज के कार्य नवंबर 2023 के अंत तक पूरे हो जाएंगे, जबकि जून 2024 तक सिमरिया धाम का सुविधाओं से संपन्न भव्य स्वरूप सामने होगा। इससे सिमरिया धाम धार्मिक पर्यटन का एक बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा।’ ये बातें बिहार सरकार के जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा ने बुधवार को सिमरिया धाम का भ्रमण करने के बाद पत्रकारों से कही।

इससे पहले उन्होंने जल संसाधन विभाग द्वारा निर्माणाधीन सीढ़ी घाट और धर्मशाला का स्थल निरीक्षण किया। साथ ही राजकीय कल्पवास मेला क्षेत्र में मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया और इस संबंध में श्रद्धालुओं का फीडबैक लिया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने सिमरिया में राज्य सरकार द्वारा कराये जा रहे विकास कार्यों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।

संजय कुमार झा ने बताया कि सिमरिया कल्पवास मेला क्षेत्र में जल संसाधन विभाग ने लगभग एक लाख वर्ग मीटर में मिट्टी भराई का कार्य युद्ध स्तर पर पूरा कराया है। साथ ही इसके चारो तरफ रिटेनिंग वॉल का निर्माण और प्रकाशीय व्यवस्था का कार्य कराया है। इससे कल्पवास मेला क्षेत्र साफ, समतल और बाढ़ से पूरी तरह सुरक्षित हो गया है। कल्पवास के लिए यहां पर्ण कुटीर बनाकर रहने वाले श्रद्धालुओं को अब गंगा नदी की बाढ़ से परेशानी नहीं होगी। जल संसाधन विभाग द्वारा यहां धर्मशाला का निर्माण कार्य प्रगति पर है। करीब 150 मीटर लंबाई में शीट पाइलिंग कराई गई है और लगभग 100 मीटर लंबाई में सीढ़ी घाट का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

संजय कुमार झा ने कहा कि सिमरिया धाम मिथिलावासियों की आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। मिथिला का शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा, जिसके किसी पूर्वज का अस्थि विसर्जन सिमरिया धाम में नहीं हुआ होगा। सिमरिया धाम में सुविधाओं के विकास के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार योजना का कार्यारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 30 मई 2023 को गंगा दशहरा के दिन किया था।

योजना में मौजूदा राजेंद्र पुल और उसके दक्षिण में निर्माणाधीन सिक्स-लेन सड़क पुल के बीच करीब 550 मीटर लंबाई में सीढ़ी घाट के निर्माण के अलावा, रीवर फ्रंट, चेंजिंग रूम, गंगा आरती का स्थान, धार्मिक अनुष्ठान के लिए मंडप, श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था, पार्क, शौचालय परिसर, धर्मशाला, प्रशासनिक भवन, ओपन स्टेज, पार्किंग, पाथवे, वाच टावर, प्रकाश की व्यवस्था इत्यादि को शामिल किया गया है। इसके अलावा सिक्स-लेन सेतु से दक्षिण में स्थित मुक्तिधाम को भी बेहतर बनाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिमरिया कल्पवास मेले को वर्ष 2008 में राजकीय मेला का दर्जा दिया था। उसके बाद यहां 2011 में अर्ध कुंभ और 2017 में महाकुंभ का आयोजन हो चुका है। ऐसे आयोजनों से इस स्थल को व्यापक प्रसिद्धि मिली और यहां सुविधाओं की जरूरत महसूस की जाने लगी। पिछले साल कल्पवास मेला क्षेत्र में गंगा नदी की बाढ़ का पानी घुस जाने पर श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हुई थी। तब जल संसाधन विभाग ने यहां बाढ़ से सुरक्षा के लिए तात्कालिक कार्य कराये थे। मुख्यमंत्री ने नवंबर 2022 में खुद कल्पवास मेले का भ्रमण कर श्रद्धालुओं और साधु-संतों का फीडबैक लिया था। साथ ही सिमरिया धाम के विकास एवं सौंदर्यीकरण के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार कॉन्सेप्ट प्लान की समीक्षा कर विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिये थे।

गौरतलब है कि उत्तरवाहिनी गंगा तट पर स्थित सिमरिया धाम मिथिलावासियों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां कल्पवास की परंपरा सदियों से चली आ रही है। हर साल कार्तिक मास में लगने वाले प्रसिद्ध कल्पवास मेले में बिहार ही नहीं, कुछ अन्य राज्यों तथा नेपाल तक से श्रद्धालु आते हैं।

जल संसाधन मंत्री के स्थल निरीक्षण के दौरान बेगूसराय जदयू के जिलाध्यक्ष रूदल राय, पूर्व जिलाध्यक्ष एवं विधान पार्षद भूमिपाल राय, बेगूसराय नगर निगम की महापौर पिंकी देवी सहित अनेक नेता-कार्यकर्ता तथा जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।

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