- 2024 में बहन मायावती के लिए अधिक से अधिक सीट जीतना है लक्ष्य : अनिल कुमार
पटना । पिछड़े-अति पिछड़े और वंचितों को उचित राजनीतिक और आर्थिक हिस्सेदारी के साथ आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर आज पटना के बापू सभागार में बहुजन समाज पार्टी का एक दिवसीय “पिछड़ा – अति पिछड़ा अधिकार सम्मेलन” आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में बहुजन समाज पार्टी के मुख्य केन्द्रीय प्रभारी आकाश आनंद ने बिहार के नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरा। इस अवसर पर पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी गौतम, बिहार के राष्ट्रीय प्रदेश प्रभारी श्री लाल जी मेघांकर, एडवोकेट श्री सुरेश राव और बिहार प्रभारी श्री अनिल कुमार मौजूद रहे।
“पिछड़ा – अति पिछड़ा अधिकार सम्मेलन” को संबोधित करते हुए आकाश आनंद ने कहा कि बिहार में पिछड़ा – अति पिछड़ा समाज 33 साल पहले की तरह हाशिये पर है, जबकि विगत 33 सालों से यहाँ शासन की कामन पिछड़ों के हाथ में है। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। प्रदेश की जदयू –राजद वाली महागठबंधन की सरकार ओबीसी- बहुजन समेत सर्व समाज विरोधी है। लेकिन हमें इसे बदलना होगा, इसलिए आज के दिन मैं बहन मायावती के संदेश को लेकर बिहार की पावन भूमि पर आया हूँ। मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूँ कि आज मुझे मंडल मसीहा सह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बी पी मंडल की धरती पर संवाद का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि बिहार में ओबीसी व पिछड़ा – अति पिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज आज भी अच्छी शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य, सुरक्षा और रोजगार के सवाल पर बुरी स्थिति में है, जबकि सरकार पिछड़ों का है। यहाँ से पलायन जारी है। छात्र -नौजवान दूसरे प्रदेशों में शिक्षा ग्रहण कर आजीविका चला रहे हैं। बिहार की जनता ने 33 सालों में दोनों तरह की सरकारें देखी, लेकिन उनके हाथ आज भी मायूसी है। 17 % दलित और 36 % अतिपिछड़ा लोग बिहार में रहते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार आज गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, बहुजन समाज पर अत्याचार आदि के मामले में आगे है। लेकिन अब नहीं। अब इस हालत को बदलना है। और इसके लिए बाबा साहब के संविधान और बहन मायावती जी के विजन को अपनाना होगा, जो उन्होंने उत्तर प्रदेश में किया, जिससे बहुजन समाज की स्थिति में बदलाव आया।
आकाश आनंद ने बाबा साहब के हवाले समता मूलक समाज और उससे संबंधित भारतीय संविधान के निर्माण का जिक्र किया और कहा कि बाबा साहब ने जिस लोकतंत्र की व्याख्या की, उसमें अत्याचर, विभेद, नफरत जैसी चीजें नहीं थी। उसमें हर धर्म – जाति – वर्ग के लिए समानता और समरसता की बात कही। बहन मायावती और बहुजन समाज पार्टी उसी को हकीकत में बदलने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसकी एक झलक उत्तर प्रदेश में बहन मायावती जी के शासन काल में देखने को भी मिला। उन्होंने बहन मायावती के द्वारा उत्तर प्रदेश में किए गए जनोपयोगी कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि बहन मायावती ने बाबा साहब के संविधान और उनकी सोच को अंगीकार करते हुए समाज के हर तबके का विकास पिछड़ा – अति पिछड़ा – अल्पसंख्य समाज के साथ किया। बहुजन समाज के लिए स्कूल – कॉलेज – अस्पताल बनवाए और शहरों के नाम बहुजन महापुरुषों के नाम पर रखा, जिन महापुरुषों ने समरस समाज की कल्पना की और संघर्ष किया। उन्होंने बाबा साहब के सविधान के अनुसार यूपी में बेबाकी से विकास कार्य किए और पिछड़े व वंचितों को उनका हक दिलाया, इसलिए बिहार की जनता से अपील करता हूँ कि लोक सभा, विधान सभा से लेकर आने वाले सभी चुनावों में बहुजन समाज को मजबूत करिए। समय आ गया है अब समाज के हर एक व्यक्ति को जोड़ कर एक जुट होने का, क्योंकि अब हम आ रहे हैं।
वहीं बिहार के राष्ट्रीय प्रदेश प्रभारी लाल जी मेघांकर ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर ने संविधान में धारा 340 का निर्माण कर पिछड़े अति पिछड़े समाज को आरक्षण प्रदान करने का प्रावधान कर दिया। मान्यवर काशीराम जी ने बी. एस. पी. के निर्माण अर्थात् 14 अप्रैल, 1984 से ही पिछड़ों के हक अधिकार के लिए 1990 ई तक अनवरत संघर्ष कर हजारों सभाएँ, संगोष्ठियों व रैली इत्यादि करके यह नारा लगाया- “मण्डल कमीशन लागू करो, वर्ना कुर्सी खाली करो”। बिहार प्रदेश में सत्ताधारी पार्टियों ने पिछड़े अति पिछड़े समाज के हक अधिकार को कुचलने का लगातार प्रयास किया है। उन्हें हर स्तर पर कुचलने का कोशिश किया गया है। इसलिए बहुजन समाज पार्टी, बिहार प्रदेश के तत्वावधान में “पिछड़े अति पिछड़े अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिससे अपनी आदरणीय बहन कुमारी मायावती जी को देश के प्रधानमंत्री बनाकर पिछड़े अतिपिछड़ों को राजनैतिक एवं सामाजिक अधिकार दिलाया जा सके।
इस सम्मेलन को बिहार प्रभारी अनिल कुमार ने भी संबोधित किया और कहा कि साल 2024 के लोक सभा चुनाव में बहन मायावती को मजबूत करने के लिए बिहार से अधिक से अधिक सीट जीतने हेतु पार्टी के तमाम नेता व कार्यकर्ता संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि मान्यवर कांशीराम ने नारा दिया था जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी” भारत में मंडल आयोग तो लागू हुआ लेकिन 52% पिछड़े अति पिछड़ों को मात्र 27% ही आरक्षण प्राप्त हुआ। बसपा ने पिछड़े समाज में जन्में ज्योतिबा राय फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, पेरियार रामास्वामी नायकर इत्यादि महापुरुषों के आदर्श पर चलकर उत्तर प्रदेश में बहन मायावती जी ने अपने शासनकाल में पिछले अतिपिछड़े को शत-प्रतिशत राजनीतिक हिस्सेदारी देने का सफल प्रयास किया। लेकिन सम्पूर्ण भारत में पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज अपने अधिकारों से आज भी वंचित है।
उन्होंने कहा कि पिछड़े समाज में पैदा हुए कुछ नेताओं को सरकार बनाने व चलाने का अवसर तो प्राप्त हुआ परन्तु ये नेतागण अपने स्वार्थ सिद्धि में ही लगे रहे। बिहार प्रदेश में अभी तक पिछड़े अति पिछड़े समाज को शोषण दमन व उत्पीडन का शिकार बनाया गया। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार व सुरक्षा सरक्षा इत्यादि प्रदान नहीं किया गया। वर्तमान केन्द्र सरकार जहाँ मनुवादियों की गोद में बैठकर मनुस्मृति के कानूनों को लागू कर रही है, वहीं बिहार में पिछड़े का शासन होने के बावजूद पिछड़े-अतिपिछड़ों के न केवल राजनैतिक हिस्सेदारी में कमी आई है, बल्कि मनुवादियों के इशारों पर पिछड़े-अतिपिछड़ों की हत्या- अपहरण, बलात्कार हुई है। उदाहरणतः मुंगेर निवासी स्नेहा मंडल, सासाराम के ई अजय पटेल, मोकामा की उषा पटेल एवं सोनपुर के राजा पटेल आदि की हत्या सामंतवादी ताकतों द्वारा की गई है। वर्तमान सरकार मूकदर्शक बनी है। इनके परिवार न्याय के लिए आज भी भटक रहे हैं, उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। ऐसे सैकड़ों पिछड़ों-अतिपिछड़ों की हत्या, अपहरण एवं बलात्कार की घटनाएँ हो रही है, लेकिन वर्तमान सरकार उन्हें न्याय नहीं दिला पा रही है।
मौके पर रामजी गौतम (राज्यसभा सांसद), अनिल कुमार (प्रदेश प्रभारी), लालजी मेघांकर (राष्ट्रीय प्रदेश प्रभारी), एडवोकेट सुरेश राव (राष्ट्रीय प्रदेश प्रभारी), शंकर महतो (प्रदेश अध्यक्ष), सकलदेव दास (प्रदेश उपाध्यक्ष), संजय मंडल (प्रदेश महासचिव), रंजन पटेल, अमर आजाद, ई सुनेश कुमार, शिवकुमार कुशवाहा, सुशील कुशवाहा, अभिमन्यु कुशवाहा, धर्मेंद्र साहनी, विनोद पटेल, लल्लू पटेल, पिंटू यादव , चंद्र किशोर पाल, चम्पा यादव, रंजना गुप्ता, उदय प्रताप सिंह, साजिद हुसैन मौजूद रहे।