बिहार

राजगीर में श्रावणी और मलमास मेले में शुद्ध गंगाजल से प्यास बुझाएंगे साधु एवं श्रद्धालु : संजय कुमार झा

गंगा जलापूर्ति योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भगीरथ प्रयास, योजना को मिल चुका है पुरस्कार

  • आठ महीने के अंतराल के बाद फिर से राजगीर के जलाशय में पहुंचने लगा है गंगाजल
  • जल संसाधन मंत्री ने पटना प्रक्षेत्र में कराये गये बाढ़ सुरक्षात्मक और सिंचाई योजनाओं की समीक्षा कर दिये कई निर्देश

पटना । जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि गंगा जल आपूर्ति योजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक भगीरथ प्रयास है। हमें खुशी है कि राजगीर में 4 जुलाई से शुरू हुए श्रावणी मेले और 18 जुलाई से शुरू होने वाले प्रसिद्ध मलमास मेले में पहुंचने वाले साधु-संत एवं श्रद्धालु इस वर्ष इतिहास में पहली बार शुद्ध गंगाजल से प्यास बुझाएंगे।
उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी को पेयजल के रूप में उपयोग करने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की परिकल्पना के अनुरूप, जल संसाधन विभाग द्वारा कार्यान्वित इस योजना के तहत गंगा नदी की बाढ़ के पानी को केवल मॉनसून सीजन में लिफ्ट कर पाइपलाइन के जरिये गया, बोधगया और राजगीर शहर पहुंचाया जाता है। वहां इसे बड़े जलाशयों में संग्रहित कर, शोधित कर पेयजल के रूप में सालोभर नल के माध्यम से घर-घर शुद्ध गंगाजल पहुंचाया जा रहा है।
संजय कुमार झा ने बताया कि मॉनसून की शुरुआत के साथ फिर से गंगा नदी के अधिशेष जल को मरांची (हाथीदह) से लिफ्ट करना शुरू कर दिया गया है। करीब आठ महीने के अंतराल के बाद फिर से राजगीर स्थित विशाल ‘गंगाजी राजगृह जलाशय’ में गंगा जल पहुंचने लगा है।
उन्होंने राजगीर के क्रिकेट स्टेडियम के समीप नवनिर्मित 240 लाख लीटर क्षमता वाले मास्टर अंडग्राउंड रिजर्वायर सह पंप हाउस के माध्यम से राजगीर शहर को 5 जुलाई से जल आपूर्ति शुरू करने का निर्देश दिया। इस पंप हाउस के परिचालन के उपरांत दो नवनिर्मित जल मीनारों एवं पूर्व निर्मित जल मीनारों के माध्यम से मेला क्षेत्र सहित राजगीर शहर के सभी 19 वार्डों में सुचारु रूप से जल की आपूर्ति सुनिश्चित हो जाएगी। उन्होंने गंगा जल आपूर्ति योजना तहत नवादा शहर में गंगा जल पहुंचाने के शेष कार्यों को इस वर्ष के अंत तक पूरा कराने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना से क्षेत्र के भूजल स्तर और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। योजना को केंद्र सरकार की संस्था द्वारा ‘जल संसाधन के सर्वोत्तम कार्यान्वयन’ की श्रेणी में पुरस्कृत किया जा गया है।
जल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने मंगलवार को बिहारशरीफ समाहरणालय में आयोजित समीक्षा बैठक में पटना प्रक्षेत्र (जिसमें पटना, बक्सर, भोजपुर, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, लखीसराय, जहानाबाद, अरवल, गया और औरंगाबाद जिले शामिल हैं) में जल संसाधन विभाग द्वारा कार्यान्वित बाढ़ से सुरक्षा तथा सिंचाई की योजनाओं की विस्तृत समीक्षा कर कई निर्देश दिये।
इस दौरान ‘गंगा जल आपूर्ति योजना’ के तहत गंगा नदी के अधिशेष जल को पूरे मॉनसून सीजन में लिफ्ट करने और बाढ़ से सुरक्षा की अग्रिम तैयारियों पर विशेष चर्चा हुई। जल संसाधन मंत्री ने आठ महीने के अंतराल के बाद फिर से गंगा जल के मरांची (हाथीदह) से लिफ्ट कर राजगीर पहुंचने पर संतोष व्यक्त किया।
इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के सचिव तथा नालंदा जिले के प्रभारी सचिव श्री अनुपम कुमार के अलावा जल संसाधन विभाग और जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी एवं अभियंता मौजूद थे।
समीक्षा बैठक के दौरान संसाधन मंत्री ने कहा कि बाढ़ से सुरक्षा की जिन कुछेक योजनाओं के अंतिम चरण के कार्य शेष हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर जल्द पूरा कराएं। बाढ़ से सुरक्षा की तैयारियों की समीक्षा करते हुए उन्होंने बाढ़ सीजन में सभी तटबंधों पर दिन-रात गश्त सुनिश्चित करने और संवेदनशील स्थलों के निकट बाढ़ संघर्षात्मक सामग्रियों का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि संवेदनशील स्थलों के आसपास आवश्यकतानुसार बड़ी मशीनें, क्रेन इत्यादि के साथ-साथ ‘मोबाइल एंबुलेंस’ की भी व्यवस्था रखें, जिसमें ट्रैक्टर पर पोर्टेबल जेनरेटर, हैलोजन लाईट, पर्याप्त संख्या में खाली ईसी बैग, नायलन क्रेट, खाली जियो बैग और फिल्टर सामग्री यथा- बालू, गिट्टी इत्यादि की व्यवस्था शामिल है। उन्होंने अभियंताओं को हिदायत दी कि बाढ़ से सुरक्षा की सामग्रियों की गुणवत्ता में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही तटबंधों पर गश्त करने के लिए तैनात स्थानीय प्रहरियों को स्पेशल जैकेट, टोपी, सीटी, छाता और टॉर्च उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये।
जल संसाधन मंत्री ने भोजपुर के बड़हरा प्रखंड अंतर्गत बक्सर कोईलवर गंगा तटबंध के किमी 87.97 से किमी 90.50 के बीच नयी तकनीक का उपयोग कर कराये जा रहे कटाव निरोधक कार्य जल्द-से-जल्द पूरा कराने के निर्देश दिये। इस स्थल पर नई तकनीक ‘रेडिमेड इम्बैंकमेंट’ का उपयोग कर 830 मीटर लंबाई में स्लोप को जियो मैट्रेस के द्वारा सुरक्षित किया जा रहा है और निचले भाग (Toe) का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि गंगा जल आपूर्ति योजना के तहत राजगीर शहर के 19 वार्डों के करीब 8031 घरों, गया शहर के 53 वार्डों के करीब 75000 घरों और बोधगया शहर के 19 वार्डों के करीब 6000 घरों में शुद्ध पेयजल के रूप में ‘हर घर गंगाजल’ की आपूर्ति की जा रही है। योजना के तहत प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 135 लीटर शुद्ध गंगाजल की आपूर्ति सुनिश्चित की गयी है। राजगीर में निर्मित, 357.64 एकड़ में फैले विशाल गंगाजी राजगृह जलाशय के बंध की लंबाई 2.013 किमी और ऊंचाई 17.07 मीटर है तथा इसकी जल भंडारण क्षमता 9.915 एमसीएम है।

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