झारखण्डराज्य

वीर सिदो-कान्हु मुर्मू जयंती और 47वां संथाली साहित्य दिवस पर मॉडल कॉलेज राजमहल में विमर्श गोष्ठी का आयोजन

आदिवासी संस्कृति, साहित्य और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान पर हुआ विचार-विमर्श

चुन्नु सिंह 

राजमहल (साहिबगंज), 11 अप्रैल 2025:

वीर सपूत सिदो-कान्हु मुर्मू की जयंती और 47वें संथाली साहित्य दिवस के अवसर पर शुक्रवार को मॉडल कॉलेज, राजमहल में एक विमर्श गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने की। इसमें मॉडल कॉलेज राजमहल और पॉलिटेक्निक कॉलेज साहिबगंज के विद्यार्थियों समेत शिक्षकों व गणमान्य लोगों ने भाग लिया।

गोष्ठी की शुरुआत सिदो-कान्हु मुर्मू के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पण के साथ हुई। इसके बाद वक्ताओं ने उनके बलिदान, नेतृत्व क्षमता और आदिवासी समाज में उनके योगदान पर विस्तार से चर्चा की।

प्राचार्य डॉ. सिंह ने कहा, “सिदो-कान्हु केवल स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, वे आदिवासी अस्मिता के प्रतीक हैं। उनके विचार आज भी प्रेरणादायक हैं और हमें उनके रास्ते पर चलने की जरूरत है।”

उन्होंने संथाली साहित्य दिवस की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संथाली भाषा की समृद्ध विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी नई पीढ़ी की है।

विमर्श में डॉ. रमजान अली, डॉ. अमित कुमार और डॉ. विवेक महतो ने सिदो-कान्हु की ऐतिहासिक भूमिका के साथ-साथ संथाली साहित्य की विविधता और उसकी सामाजिक भूमिका पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि आदिवासी साहित्य व संस्कृति आज भी समाज को नई दिशा देने में सक्षम है।

इस मौके पर श्रीमती अंकिता सिंह, श्री कमल कुमार, राहुल कुमार मंडल, कॉलेज के शिक्षकों, कर्मचारियों और सैकड़ों छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में देशभक्ति, भाषायी गर्व और सांस्कृतिक जागरूकता का वातावरण देखने को मिला। छात्रों की उत्साहपूर्ण सहभागिता ने कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।

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