बिहार

मुंगेर में राजद को लगा बड़ा झटका, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के मुंगेर जिलाध्यक्ष शहाब मलिक ने दिया इस्तीफा

लालमोहन महाराज, मुंगेर

सूबे में राजद का प्रमुख वोट बैंक मुस्लिम यादव को माना जाता है। लगातार तीसरी बार रह चुके पार्टी के मुंगेर जिले के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सह आई टी सी टी एम वर्कर एसोसिएशन के महामंत्री मो० शहाब मलिक पार्टी से काफी नाराज चल रहे हैं,अपनी नाराजगी पर उन्होंने पत्रकारों के सामने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। शहाब मलिक ने कहा है कि वर्ष 1986 से जनता दल से राष्ट्रीय जनता दल तक के राजनीतिक सफर में जनता से मिले प्यार का बहुत आभारी हूं । उन्होंने आम जनता को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव में संगठन की मजबूती में उनका व उनके समर्थकों का विशेष योगदान रहा है।
इसके बावजूद पार्टी में मुसलमानों को सम्मान नहीं मिलता है।
एमवाई समीकरण सिर्फ कहने को बचा है। सच तो यह है कि मुसलमानों को राजद में सम्मान नहीं मिल रहा है। बल्कि माय समीकरण के नाम पर मुसलमानों को बेवकूफ बनाने का काम किया जा रहा है। सूबे में खास कर एक ही समुदाय है जिनका सौ फीसदी वोट राजद को जाता है ।
उसके बाद भी मुसलमानों को महत्व और सम्मान नहीं मिलता है।
उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रीय जनता दल अपने विचारधारा से भटक गई है। नीति और नियत बेईमानी की ओर जा रहा है ।ऐसा प्रतीत होता है कि पार्टी को हमारे जैसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं है, अपने आप को ए टू जेड की पार्टी कहने वाली राष्ट्रीय जनता दल में भेदभाव है व जाति विशेष का कब्ज़ा है।
एक वक़्त दलितों, मुसलमानों के हितैषी व उनके दर्द को समझने वाले लालू प्रसाद यादव का अब दौर नहीं रहा, वर्तमान में राजद के आलाकमान तेजस्वी जी में अपने पिता लालू यादव का संस्कार नहीं है।ये तमाम मुस्लिम नेताओं और कार्यकर्ताओं को बंधुआ मजदूर समझते हैं। पार्टी के शीर्ष नेता व राजद के संस्थापक दिवंगत शहाबुद्दीन को जब नकारा जा सकता है तो अन्य अल्पसंख्यक नेताओं की पार्टी में क्या स्थिति है, इससे भली भांति समझा जा सकता है।
मुख में सोने के चम्मच लेकर पैदा लेने वाले अगर सामाजिक न्याय की बात करते हैं,
दलितों, मुसलमानों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों के हित की बात करते हैं तो ये सब बेईमानी है
उन्होंने पार्टी की गतिविधियों पर इल्ज़ाम लगाते हुए उन्होंने कहा है कि पार्टी में अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष होने के बावजूद इन्हें पार्टी के किसी कार्यक्रम की जानकारी नहीं दी जाती है, गुटबाज़ी चरम पर है पार्टी कई गुटों में बंट चुका है।
मेरी तीन दशक की राजनीति की अनदेखी किया जाना प्रतिष्ठा के खिलाफ है । राजद में जो पैसा देगा उसको टिकट मिलेगा ।बड़े-बड़े महत्वपूर्ण पद खरीदे जा रहे हैं । ऐसे में पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है।
राष्ट्रीय जनता दल के इस क्रियाकलाप से खफा होकर उनके समर्थक व मुंगेर अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के कई प्रखंड अध्यक्ष अपना सामूहिक इस्तीफा अपने नेता के साथ देने का फैसला लिया है। ये सभी पार्टी में अपने आप को उपेक्षित व घुटन महसूस कर रहे हैं।
शहाब मलिक ने भविष्य की योजनाओं पर आगे कहा कि बहुत जल्द मुंगेर में सवर्णों, दलितों, मुसलमानों, पिछड़ों व अतिपिछड़ों को एक सूत्र में जोड़ने के लिए एक महापंचायत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा । इस अवसर पर रामशरण यादव, टिंकू यादव,बबलू यादव, शंभू यादव सहित राजद के नेता व अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सैकड़ो कार्यकर्ता थे।

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