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प्रधानमंत्री की मोढ़ घांची जाति को पिछड़ी जाति में शामिल करने की दो बार अधिसूचना क्यों : नीरज कुमार

पटना । जदयू मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार, प्रदेश प्रवक्ता डाॅक्टर भारती मेहता एवं प्रसिद्ध चिकित्सक और पार्टी के अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र चंद्रवंशी ने संयुक्त तौर पर मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मोढ़ घांची जाति को पिछड़ा समुदाय में शामिल किए जाने को लेकर जमकर निशाना साधा और जाति के नाम पर राजनीतिक फरेब करने के गंभीर आरोप लगाया।

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब गुजरात में अति पिछड़ा समुदाय है ही नहीं तो फिर प्रधानमंत्री ने 27 अप्रैल 2019 को उत्तरप्रदेश के कन्नौज में खुद को अति पिछड़ा कैसे घोषित कर दिया? पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी में हिम्मत है तो उनके लगाए आरोपों का जवाब दे साथ ही देश में जाति आधारित गणना करवाने का काम करे।

मीडिया को संबोधन के दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी से कुछ गंभीर सवाल पूछे,क्या ये सच नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपमान कर रही है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोढ़ घांची जाति से आते हैं जिनका कि गुजरात में ऐतिहासिक तौर पर सामाजिक और शैक्षणिक स्तर ऊंचा है।
ये सच्चाई है कि मोढ़ घांची समुदाय के लोग घांची समुदाय के अहमदाबादी घांची,चंपरनिया घांची, पटनी घांची, सिधपुरिया घांची, सुरती घांची का बना खाना नहीं खाते थे जो कि साल 1931 की जनगणना से स्पष्ट होता है।

जबकि गुजरात में अधिक साक्षरता दर वाले मोढ घांची समुदाय, जिसकी साक्षरता दर साल 1931 की जनगणना के मुताबिक 40.59 फीसदी थी, जबकि समाज में कम साक्षरता वाले राजपूत समुदाय जिनकी उस समय साक्षरता दर 15 से 20 फीसदी थी और पटेल समुदाय जिनकी उस समय साक्षरता दर 25 से 30 फीसदी थी तो फिर बीजेपी ये बताए कि आखिर मोढ़ घांची पिछड़ा कैसे हो गया और राजपूत और पटेल समुदाय अगड़ा कैसे हो गया?

बीजेपी ये बताए कि जब साल 1994 मोढ़ घांची जाति को ओबीसी में शामिल कर लिया गया,जैसा कि बीजेपी दावा कर रही है तो फिर बतौर गुजरात के मुख्यमंत्री रहते नरेंद्र मोदी ने 1 जनवरी 2022 को फिर मोढ़ घांची जाति को पिछड़ी जाति में शामिल करने का नोटिफिकेशन दो बार क्यों जारी किया? बीजेपी इसी डर से देश में जाति आधारित गणना नहीं करा रही जिससे उसका फर्जीवाड़ा उजागर हो जायेगा?

उन्होंने कहा की बीजेपी देश में जाति आधारित गणना इसलिए नहीं कराना चाहती है कि नरेंद्र मोदी के नाम पर किया गया जातिगत फर्जीवाड़ा का खुलासा हो जायेगा?मीडिया में पेश दस्तावेजों के आधार पर बीजेपी में अगर हिम्मत है तो वो हम पर कानूनी कार्रवाई करे या फिर देश से माफी मांगे?

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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