दिवंगत माता के द्वादश श्राद्ध कार्यक्रम पर स्वजनों की आंखें नम हो गई
लालमोहन महाराज, मुंगेर
मुंगेर जिले के धरहरा प्रखंड के माताडीह स्थित नया टोला निवासी 67 वर्षीय दिवंंगत अनार देवी के द्वादश श्राद्ध कार्यक्रम में स्वजनों की आंखें नम हो गई। श्राद्ध कार्यक्रम में पहुंचे प्रसिद्ध गायक समस्तीपुर जिले के गढ़ी बिशनपुर निवासी श्याम कुमार यादव व उनके सहयोगी कलाकार शुभम कुमार, बच्चा बाबू निराला, नाल वादक वसंत कुमार बैंजो वादक बिहारी जी, आमोद कुमार जी के द्वारा प्रस्तुत किए गए भजन व निर्गुण सुनकर श्रोता भाव विभोर हो उठे। गायक श्याम कुमार यादव ने गणेश वंदना प्रस्तुत कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वहीं उन्होंने निर्गुण भजन जय जय सीताराम ,क्या मुख ले विनती करूं, लज्जा आवत मोर ।अवगुण मुझ में बहुत है कैसे भावों तोर गाकर श्रोता को खूब रुलाया ।कार्यक्रम में उपस्थित दिवंगत अनार देवी के पति रिटायर्ड रेलकर्मी महेंद्र यादव, पुत्र संजय कुमार ,अजय कुमार, निरंजन कुमार ,पुत्री मीना देवी ,स्वजन अर्जुन यादव, रामशरण यादव, कमल यादव किशोर यादव सहित दूर-दूर से पहुंचे स्वजनों की आंखें निर्गुण भजन सुनकर नम हो गई।
वही प्रसिद्ध गायक ने कहा कि माँ एक ऐसा शब्द है, जिसके महत्व के विषय में जितनी भी बात की जाए, कम ही है। हम माँ के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नही कर सकते हैं। माँ की महानता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इंसान भगवान का नाम लेना भले ही भूल जाये, लेकिन माँ का नाम लेना नही भूलता है। माँ को प्रेम व करुणा का प्रतीक माना गया है। एक माँ दुनियां भर के कष्ट सहकर भी अपने संतान को अच्छी से अच्छी सुख-सुविधाएं देना चाहती है। मां, माता ऐसे कई नामों से हम जन्म देने वाली मां को पुकारते है। अपनी संतान के प्रति माता का प्रेमभाव कभी नहीं बदलता है।संतान के प्रति हृदय प्रेम लगाव और त्याग की भावना एक मां में सदैव होती है।
वक्त के साथ बड़े होने पर संतान मां को निराश करते हैं, तरक्की मिलने पर मां को भूल जाते हैं। लेकिन एक मां कभी अपने बेटे को नहीं भूलती और ना ही उनके प्रति मां का प्यार कभी कम होता है, इसीलिए कहा जाता है कि- दुनिया में सबसे कीमती एक मां का प्यार है।