पटना। बिहार में जातीय जनगणना के जारी आकड़े को लेकर पंडित राजकुमार शुक्ल स्मृति संस्थान का प्रतिनिधिमंडल आज महामहिम राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौंपा और प्रदेश में भट्ट,ब्रह्मभट्ट,राजभट्ट ब्रह्ममण जाति के पुर्नगणना कराने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संस्थान के केन्द्रीय अध्यक्ष और लोजपा रामविलास के मुख्य प्रवक्ता राजेश भट्ट ने किया।
इस अवसर पर भट्ट ने कहा कि बिहार जातीय जनगणना को लेकर भट्ट,ब्रह्मभट्ट और राजभट्ट जाति के आकड़े जो राज्य सरकार ने दर्शाया है, वह बिलकुल वास्तविकता से परे है। राज्य सरकार द्वारा जारी आंकडे और प्रदेश में इस जाति की संख्या से उसका कोई मेल नहीं है, जिससे इस वर्ग में जातीय जनगणना को लेकर मौजूदा राज्य सरकार के प्रति काफी असंतोष व्याप्त है। प्रदेश के कोने-कोने से यह शिकायत मिली है कि जनगणना कार्य के दौरान प्रगणक द्वारा उनके बगैर घर गयें और उनसे बिना मिलें की गई है। जिसकी वजह से सरकार द्वारा अपूर्ण आंकडे प्रस्तृत किये गयें है, जो उनके संविधान प्रदत्त अधिकारो का हनन है और इसके दूरगामी परिणाम उन्हें कई संवैंधानिक अधिकारों से वंचित करने के रूप में देखा जा रहा है। जो न्यायोचित नही है।
उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया की जातीय जनगणना को लेकर राज्य सरकार की मंशा साफ नही है। इसी वजह से कुछ विशेष जातीयों को जहां एक ओर उनकी संख्या से ज्यादा बढ़ाकर दिखाया जा रहा है। वहीं कुछ जातीयों के संख्या को उनकी वास्तविक संख्या से भी न्यूनतम दर्शाया गया है। जो राज्य सरकार के मनमानेपन और भेद-भावपूर्ण रवैया को दर्शाता है।
श्री भट्ट ने प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उक्त जातियों की पुर्नगणना कराते हुए पुनः इसके आकड़े प्रस्तुत करने की मांग की है।
उक्त प्रतिनिधि मंडल में मुख्य रूप से राजेश भट्ट के अलावे अखिलेश्वर शर्मा, कमलेश कुमार, मनोज राणा, वीणा देवी थे वहीं मौके पर डी.के. पाल, चन्द्रशेखर आजाद, शशिकांत प्रतीक भट्ट, अंगद राय मौजूद थे।