धर्मबिहारराज्य

चैती डाला छठ: सूर्योपासना के साथ प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश

कहलगांव के त्रिमुहान गंगा नदी घाट पर भक्ति भाव से संपन्न हुई चैती छठ पूजा

चुन्नु सिंह 

कहलगांव : भागलपुर

04 अप्रैल 2025

प्रकृति, आस्था और सामाजिक समरसता का महापर्व चैती छठ त्रिमुहान संगम तट पर श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। उगते सूर्य को अर्घ्य देकर श्रद्धालुओं ने सूर्यदेव और छठी मैया की आराधना की तथा पर्यावरण संरक्षण का आह्वान किया।

चैत्र शुक्ल षष्ठी को मनाया जाने वाला यह लोकपर्व प्रकृति और मानव के बीच सामंजस्य का संदेश देता है। छठ पूजा समिति त्रिमुहान के तत्वावधान में त्रिवेणी संगम घाट पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा मैया की आरती कर क्षेत्र की खुशहाली और समृद्धि की कामना की।

गंगा घाट पर चला स्वच्छता अभियान

पूजन के बाद भूवैज्ञानिक एवं पर्यावरणविद् डॉ. रणजीत कुमार सिंह के नेतृत्व में गंगा तट की सफाई की गई। प्लास्टिक की बोतलें, पॉलीथिन और अन्य कचरे को हटाकर घाट को स्वच्छ बनाने का संकल्प लिया गया। डॉ. सिंह ने कहा कि “छठ केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, यह प्रकृति से संतुलन साधने का अवसर है, जो हमें जल, जंगल और जमीन के प्रति ज़िम्मेदारी का भाव सिखाता है।”

प्राकृतिक चेतना और सामाजिक एकता का प्रतीक

कृषि विज्ञान के शोधार्थी विक्रम सिंह ने कहा, “यह पर्व जल स्रोतों के संरक्षण, जैव विविधता की रक्षा और ग्रामीण कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की प्रेरणा देता है।” संयोजक भोला सिंह ने इसे लोक चेतना का उत्सव बताते हुए कहा, “छठ केवल पूजा नहीं, यह जीवन शैली है – जिसमें शुद्धता, संयम और प्रकृति के प्रति श्रद्धा निहित है।”

श्रद्धालु प्रमोद कुमार सिंह और ललिता राजेश सिंह ने कहा कि “छठ महापर्व मनुष्य और प्रकृति के बीच एक सेतु है। यह पर्व सामाजिक समरसता, आत्मिक शांति और सामूहिक चेतना का अनूठा संगम है।”

घाटों पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

घाट पर भारी भीड़ रही, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने पूजा में भाग लिया। इस आयोजन को सफल बनाने में त्रिमुहान गांव के स्वयंसेवकों और छठ पूजा समिति के महाराणा प्रताप सिंह, संजय सिंह, जितेंद्र नारायण सिंह, संतोष सिंह, श्याम तथा उम्दा देवी समेत अनेक लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा ।

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