पटना। एनएसयूआई कांग्रेसी विचारधारा का स्टार्टअप है, कांग्रेस की राजनीति की नर्सरी। भारत के युवा मस्तिष्क में कांग्रेसी सोंच का बीजारोपण हो इसी ध्येय से पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी ने 1971 में एनएसयूआई की स्थापना की। उनकी योजना थी देश में कांग्रेस की विचारधारा और राजनीति के इसके संस्कार से पोषित एक पीढ़ी तैयार करना जो देश और समाज को हर स्तर पर नेतृत्व प्रदान करें। ये बातें बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष डा.अखिलेश प्रसाद सिंह ने सदाकत आश्रम में आयोजित एनएसयूआई के कार्यकारिणी की बैठक को सम्बोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि छात्र जीवन से राजनीति में रहने के कारण मैं समझता हूँ कि नेतृत्व निर्माण के लिए छात्र जीवन में इसका क्या योगदान है। राजनीज्ञ के तौर पर भविष्य की बुनियाद छात्र जीवन में ही रखी जाती है। युवा मन में राजनीतिक विचार का आकर्षण जीवन भर प्रेरित करता रहता है।
उन्होंने कहा कि देश में चारो तरफ हाहाकार है और प्रधानमंत्री सूटबूट पहनकर विदेश भ्रमण करते रहते हैं। मोदी सरकार निरंकुश और अहंकारी बन गयी है। बहू-बेटियों की इज्जत सरेआम निलाम हो रही है। मणिपुर जल रहा है, नौजवान बेरोजगार घूम रहा है और महिलायें मँहगाई के बोझ से दबी जा रही हैं। इस अवसर पर हम एनएसयूआई को संकल्प दिलाना चाहते हैं कि जबतक मोदी सरकार को उखाड़ नहीं फेकेंगे तबतक हम चैन से नहीं बैठेंगे।
डा. सिंह ने एनएसयूआई नेतृत्व को यह भी आश्वसत किया कि आने वाले विधान सभा चुनाव में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी।
इस कार्यक्रम का संचालन एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष चुन्नू सिंह ने किया।
जो नेता आज के कार्यक्रम में शामिल रहे वे हैं विधान परिषद में कांग्रेस दल के नेता डा. मदन मोहन झा, बिहार सरकार के मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम, पूर्व मंत्री अवधेश कुमार सिंह, अमित कुमार टुन्ना, लाल बाबू लाल, राजेश राठौड़, निर्मल वर्मा, कपिलदेव प्रसाद यादव, राज कुमार राजन, डा. विनोद यादव, केशर कुमार सिंह, कैशर खाँ, ब्रजेश पाण्डेय, कुमार आशीष, ललन यादव, सुन्दर सहनी, शंकर स्वरूप पासवान, शास्वत शेखर, मानषी झा, शशि भूषण राय, धर्मवीर शुक्ला, प्रशांत ओझा, सूरज यादव, आदित्य राज सिन्टू, विवेक पटेल, रमीज राजा, नितेश कृष्णवंशी ।