बिहारराजनीति

नीतीश कुमार ने ही लालू और तेजस्वी को फंसाया : सम्राट चौधरी

कहा, राजद में नैतिकता की बात करना बेमानी

पटना। भाजपा के बिहार प्रदेश के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को षड्यंत्रकारी बताते हुए कहा कि उन्होंने ही लालू प्रसाद को फंसाया और अब तेजस्वी यादव को फंसाया है। पत्रकारों द्वारा तेजस्वी यादव पर आरोप पत्र दाखिल किए जाने को विरोधियों द्वारा फंसाए जाने के बयान के संबंध में पूछे जाने पर सम्राट चौधरी ने कहा कि यह प्रश्न तो उनसे पूछा जाना चाहिए जिन्होंने इस मामले का प्रमाण उपलब्ध कराया है। उन्होंने साफ लहजे में कहा कि नीतीश कुमार ने ही लालू प्रसाद को फंसवाया और फिर तेजस्वी यादव को फंसवाया। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि यह नीतीश कुमा से पूछना चाहिए कि कागज कहां से आया। उन्होंने कहा कि कागजी प्रमाण तो जदयू के लोगों ने ही उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि जब कागजी प्रमाण जदयू ने दिए हैं तो भाजपा कैसे फंसा सकती है।

उन्होंने लालू प्रसाद मामले में भी सवाल करते हुए कहा कि लालू प्रसाद को जेल में किसने रखा। वर्ष 1996 में प्रधानमंत्री देवगौड़ा थे और लालू प्रसाद राजद के अध्यक्ष थे। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि उस समय किसकी सरकार थी, सीबीआई किसने लाया?
विधान परिषद में विपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि नीतीश कुमार ने इस षड्यंत्र को रचने का काम किया। उन्होंने नीतीश कुमार को षड्यंत्रकारी बताते हुए कहा कि उनके जैसा बहुरूपिया आपको नहीं मिल सकता।
उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार रोज अपना चोला बदलते हैं। उन्होंने लालू प्रसाद के बयान को याद करते हुए कहा कि वे कहा करते थे कि सांप केचुल छोड़ता है। उन्होंने इसे साफ करते हुए कहा कि वे खुद कुछ नहीं कह रहे वे सिर्फ लालू प्रसाद के बयान को उद्धृत कर रहे हैं।
विधान पार्षद सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश का साल, दो साल में मन भर जाता है, सहयोगी और व्यक्ति बदल लेते है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि समता पार्टी के दौर का कोई ऐसा आदमी नहीं है, जिसे वे पार्टी से नहीं निकाले हों।
उन्होंने कहा कि बिहार में सिर्फ एक व्यक्ति फंसाने का काम करते हैं, जिसका नाम है नीतीश कुमार।
आरोप पत्र दाखिल होने के बाद नैतिकता के आधार पर तेजस्वी यादव के इस्तीफा दिए जाने के विषय में पूछे जाने पर सम्राट चौधरी ने कहा कि राजद में नैतिकता की बात करना बेमानी है। लालू प्रसाद भी तब तक अपना पद नहीं छोड़ा था जब तक वारंट नही आया।

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