अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या, रिपोर्टर के वेश में आए थे अत्यारे
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई। तीन हमलावरों ने कॉल्विन अस्पताल के पास इस वारदात को अंजाम दिया। पत्रकार के वेश में आए हमलावरों ने पहले अतीक और अशरफ के सिर और चेहरे पर गोली मारी। उनके गिर जाने पर उन पर ताबड़तोड़ गोलियों की बरसात कर दी। पुलिस ने हमलावरों को मौके से दबोच लिया।
माफिया अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। पुलिस दोनों को प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में मेडिकल के लिए लेकर जा रही थी। इसी दौरान तीन हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस हमले में अतीक और अशरफ की मौत हो गई है। दोनों के शवों को मेडकल कॉलेज के अंदर ले जाया गया है।
पुलिस ने हमलावरों को मौके से दबोच लिया है। इस पूरे हमले को बकायदा मीडिया और पुलिस के सामने अंजाम दिया गया है। दोनों पर जब फायरिंग हुई, पूरी वारदात कैमरे में भी कैद हुई है। इस हमले में एक पुलिस कांस्टेबल भी घायल हुआ है, जिसका नाम मान सिंह है। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है।
जानकारी के मुताबिक एक पल्सर बाइक पर सवार होकर 3 हमलावर आए थे, जिन्होंने अतीक और अशरफ को गोली मारी है। आरोपी मीडियाकर्मी बनकर पहुंचे थे। बाइक के पास से एक कैमरा और एक माइक आईडी भी बरामद हुई है। इस घटना के बाद प्रयागराज में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस की गश्त बढ़ाई गई है।आसपास के जिलों से पुलिस फोर्स को भेजा गया है। पीएसी और आरएएफ लगाई जा रही है।
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को महज 18 सेकेंड के भीतर मौत की नींद सुला दिया गया। शूटरों ने दोनों के पुलिस जीप से उतरने के 32वें सेेकंड में पहली गोली दागी। इसके बाद लगातार कुल 20 गोलियां दागीं और 50वें सेकंड तक माफिया भाइयों का काम तमाम हो चुका था।
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को महज 18 सेकेंड के भीतर मौत की नींद सुला दिया गया। शूटरों ने दोनों के पुलिस जीप से उतरने के 32वें सेेकंड में पहली गोली दागी। इसके बाद लगातार कुल 20 गोलियां दागीं और 50वें सेकंड तक माफिया भाइयों का काम तमाम हो चुका था। अतीक व अशरफ को 10.36 मिनट पर लेकर पुलिस कॉल्विन अस्पताल के गेट पर पहुंची। 10.37 मिनट और 12 सेकंड पर दोनों पुलिस जीप से नीचे उतर चुके थे। इसके बाद पुलिस उन्हें लेकर अस्पताल के भीतर जाने लगी।
ठीक 32वें सेकंड यानी 10.37 मिनट और 44 सेकंड पर शूटरों ने पहली गोली दागी। इसके बाद ताबड़तोड़ 20 राउंड फायर अतीक और अशरफ को निशाना बनाकर किए गए। 18 सेकंड में वारदात को अंजाम देकर शूटर अपने मकसद में कामयाब हो चुके थे। 10.38 मिनट और 02 सेकेंड पर अतीक और अशरफ दोनों लहूलुहान होकर जमीन पर लुढ़के पड़े थे और उनके शरीर बेजान हो चुके थे।
शूटरों ने पहली गोली अतीक पर दागी। अतीक मीडियाकर्मियों से बात करते हुए आगे बढ़ा ही था कि एक शूटर ने पीछे से आकर उसके सिर के पिछले हिस्से में बाईं ओर गोली दागी। इसके बाद अतीक जमीन पर गिरा। उधर गोली चलने की आवाज सुनकर अशरफ भाई को संभालने के लिए पीछे मुड़ा तो उसके चेहरे पर गोली दाग दी। इसके बाद अशरफ भी जमीन पर लुढ़क गया और फिर तीनों शूटरों ने दोनों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं।
जिस तरह से इस वारदात को अंजाम दिया गया, उससे एक बात तो तय है कि हत्यारे प्रोफेशनल शूटर थे। जिस तरह से पहली ही गोली अतीक के सिर और अशरफ के चेहरे पर मारी गई, उससे यह भी पता चलता है कि हत्यारे जानते थे कि उन्हें कहां गोली मारनी है। जानकारों का कहना है कि वह चाहते तो सामने से भी गोली चला सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्हें मालूम था कि सिर्फ सीने या शरीर के अन्य किसी हिस्से में गोली लगने पर दोनों बच भी सकते हैं। इसी वजह से उन्होंने पहली ही गोली सीधे टारगेट पर दागी।
अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतारने वाले शूटरों ने नाइन एमएम की पिस्टल का इस्तेमाल किया। मौके से तीन नाइन एमएम पिस्टल बरामद की गईं। साथ ही नाइन एमएम कारतूस के 11 खोखे भी बरामद हुए हैं।
शूटआउट को अंजाम देने वाले शूटर मीडियाकर्मी बनकर आए थे। उन्होंने वीडियो कैमरा और माइक आईडी भी थाम रखी थी। दो शूटर जहां वीडियो कैमरा और माइक आईडी लिए हुए था। वहीं उनका तीसरा साथी एक बैग थामे हुआ था। जैसे ही अतीक व अशरफ अस्पताल के भीतर घुसे, तीनों ने अपने हाथ में थामे हुए वीडियो कैमरा, माइक आईडी और बैग जमीन पर फेंक दिए और पिस्टल निकालकर गोलियां बरसाने लगे।