
पटना। ‘बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जिस रफ्तार से बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम हुआ है, उससे आम लोगों के जीवन में आये बदलावों की कहानियां देश-दुनिया के लिए नजीर हैं। डिजिटल मीडिया के पत्रकार साथियों को इन कहानियों पर काम करना चाहिए और इनके प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए।’ यह बात बिहार सरकार के जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने शनिवार को पटना में वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित ‘वेब मीडिया समिट 2023’ को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमेशा मीडिया की स्वतंत्रता के पक्षधर रहे हैं और पत्रकारों के हितों का ख्याल रखा है। उन्होंने जहां वेब मीडिया को विज्ञापन देने के लिए नई नीति तैयार करवाई है, वहीं राज्य के वरिष्ठ पत्रकारों के लिए पेंशन एवं स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाओं की शुरुआत भी की है। डिजिटल मीडिया के पत्रकारों की आगे और जो भी वाजिब मांग होगी, उस पर राज्य सरकार गंभीरता से विचार करेगी।
श्री संजय कुमार झा ने कहा कि डिजिटल तकनीक के व्यापक प्रसार ने मीडिया के परिदृश्य को व्यापक रूप से बदल दिया है। डिजिटल मीडिया की व्यापक पहुंच अब शहरों ही नहीं, गांवों में भी है। एक हालिया सर्वे के मुताबिक भारत में आधे से अधिक इंटरनेट यूजर अब न्यूज ऐप्स, वेबसाइट्स, सोशल मीडिया, यूट्यूब इत्यादि के माध्यम से ऑनलाइन समाचार प्राप्त कर रहे हैं। महत्वपूर्ण यह भी है कि ऑनलाइन न्यूज कंज्यूम करने वाले 37% लोग शहरों में, जबकि 63% लोग ग्रामीण भारत में रहते हैं।
उन्होंने चिंता जताई कि डिजिटल न्यूज का प्रसार बढ़ने के साथ एक खतरा भी उत्पन्न हो गया है। किसी व्यक्ति या संस्था के द्वारा निहित स्वार्थों या व्यावसायिक हितों को पोषित करने के लिए तैयार भ्रामक सूचनाओं का प्रसार भी उसी तेजी से हो रहा है। ऐसे समय में तथ्यों की पड़ताल कर लोगों तक सही सूचना कैसे पहुंचे, और जनता को भ्रामक सूचनाओं के प्रति कैसे जागरूक किया जाये, वरिष्ठ पत्रकारों को इस दिशा में जरूर सोचना चाहिए।
श्री संजय कुमार झा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की एक ताजा रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि भारत के बड़े इलाके में 2025 तक भूजल स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार की आनेवाली पीढ़ियों को जलवायु परिवर्तन के खतरों से बचाने तथा बेहतर पर्यावरण सौंपने की दूरगामी सोच के साथ माननीय मुख्यमंत्री ने बिहार में जल-जीवन-हरियाली नामक अतिमहत्वाकांक्षी अभियान की शुरुआत की, जिसकी तारीफ संयुक्त राष्ट्र तक में हो चुकी है। इस अभियान को शुरू करने के लिए विधानमंडल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाई गई थी और इसके प्रति जनता को जागरूक करने के लिए सबसे बड़ी मानव शृंखला तैयार की गई थी। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 24 सितंबर 2020 को जलवायु परिवर्तन पर आयोजित उच्चस्तरीय राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान को दुनिया के लिए पथ-प्रदर्शक माना गया और माननीय मुख्यमंत्री को ‘ग्लोबल क्लाइमेट लीडर’ कह कर संबोधित किया गया।
श्री संजय कुमार झा ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत ही जल संसाधन विभाग द्वारा गंगा जल आपूर्ति जैसी अनूठी योजना को धरातल पर उतारा गया है। इसके तहत बरसात के दिनों में गंगा नदी के अधिशेष जल को लिफ्ट कर, उसे जलाशयों में संरक्षित और शोधित कर गया, बोधगया, राजगीर शहरों में सालोभर घर-घर शुद्ध पेयजल के रूप पहुंचाया जा रहा है। नवादा शहर में भी हर घर गंगाजल पहुंचाने के लिए तेजी से काम चल रहा है। यह बाढ़ और पेयजल संकट से एक साथ निपटने की अपने तरह की पहली योजना है। योजना से उक्त तीनों शहरों में पेयजल के लिए भूजल पर निर्भरता समाप्त हुई है। इसे ‘जल संसाधन के बेहतर प्रबंधन’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है।