विज्ञान ईश्वर द्वारा रचित प्रकृति को समझने की प्रक्रिया है : प्रोफ़ेसर दीपक

लालमोहन महाराज,मुंगेर
मुंगेर विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के द्वारा आयोजित आमंत्रित व्याख्यान में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली के जाकिर हुसैन सेंटर फॉर एजुकेशनल स्टडीज के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर दीपक कुमार ने भारत में ज्ञान विज्ञान की परंपरा पर अपना व्याख्यान दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ गिरीश चंद्र पांडेय ने किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. शुभ्रतो सरकार एवं विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू सह स्नातकोत्तर अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष डॉ भवेश चन्द्र पांडेय थे।
अपने व्याख्यान मे प्रो दीपक कुमार ने समाज और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के संबंधों की अंतर्निहितता स्पष्ट करते हुए दोनो को एकदूसरे का पूरक बताया। मुंगेर में अपने स्कूली शिक्षा के दिनो को याद करते हुए प्रो. कुमार ने जिला स्कूल और श्रीकृष्ण सेवासदन पुस्तकालय के प्रभाव और योगदान को रेखांकित करते हुए बताया कि उनके बौद्धिक विकास का पल्लवन तो मुंगेर में ही हुआ, भले ही पुष्पित दिल्ली के हुआ। विज्ञान ईश्वर द्वारा रचित प्रकृति को समझने की प्रक्रिया है। ज्ञान का दायरा जहां असीमित होता है वहीं इतिहास और विज्ञान की अपनी सीमाएं हैं।
इस अवसर पर जेआरएस कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ देवराज सुमन, जनसंपर्क पदाधिकारी प्रिय रंजन तिवारी, डीएसएम कॉलेज झाझा के सह प्राध्यापक डॉ मोहम्मद अलाउद्दीन, स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के डॉ जयंत कुमार, डॉ औरंगजेब खान, डॉ संदीप कुमार टाटा, डॉ दीपक कुमार एवं स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के छात्र मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन
स्नातकोत्तर इतिहास विभाग के रोहित कुमार एवं अनामिका रानी ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रोहित कुमार ने किया।