झारखण्ड

रंगदारी मामले में बीस साल बाद अरशद हुए बरी, समर्थकों में ख़ुशी की लहर

बीस साल का केस 13 दिन में निष्पादित

  • मामला जमशेदपुर कोर्ट का

साहिबगंज। क़रीब बीस साल पुराने रंगदारी मामले में पर्यावरण प्रेमी सह जिले के चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता सैयद अरशद नसर को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी जमशेदपुर निशांत कुमार के न्यायालय में बिस्टुपुर थाना कांड संख्या -150/2003 जीआर नंबर -1328/2003 में तेज़ी से सुनवाई करते हुए मात्र 13 दिन की अल्प अवधि में सुनवाई पूरी करते हुए बुधवार को बरी कर दिया.जिससे अरशद के समर्थकों में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी व अरशद को फुल माला से लाद दिया.मामले में अभियोजन पक्ष की ओर लोक अभियोजक भोला सिंह ने और अरशद की तरफ़ से विद्वान अधिवक्ता बलराम,मनोज भुषण प्रसाद व राकेश भुषण प्रसाद ने सुनवाई में अपना अपना पक्ष रखा.अरशद ने बरी होने पर बताया कि क़रीब बीस वर्ष पुर्व भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने के चलते पुलिस से सांठ-गांठ कर जमशेदपुर ज़िला खनन कार्यालय के तत्कालीन ख़ान निरीक्षक निरंजन कुमार जो वर्तमान में भ्रष्टाचार व रिश्वतखोरी में रघुवर सरकार के समय में जेल जाने के बाद से आज तक निलंबित हैं रंगदारी का झुठा केस बिस्टुपुर थाना में मुझ पर दर्ज कराया था.जिसमें क़रीब बीस साल के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया था.न्यायालय के प्रति आभार प्रकट करते हुए अरशद ने आगे कहा की भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ उनका संघर्ष जारी रहेगा.

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