कोरोना के कारण मूर्ति बनानेवाले कुम्हार का जीवन-यापन संकट में .
सरस्वती पूजा भी इस बार कोरोना का भेट चढ़ गया है। जिसके कारण मूर्ति बनाने वाले कुम्हार का व्यापार भी पूरी तरह से प्रभावित होने लगा है। कुम्हारों को लगा था कि इस बार कुछ अच्छी कमाई हो जाएगा, लेकिन बिहार सरकार द्वारा 6 फरवरी तक प्रतिबंधों को बढ़ा दिए जाने के कारण उनके मंसूबे पर पानी फिर गया। जिससे मूर्तिकारों के सामने रोजी-रोटी की बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। आपको बता दें कि कादिरगंज में बड़े पैमाने पर मूर्ति का कारोबार होता है।सरस्वती पूजा भी इस बार कोरोना का भेट चढ़ गया है। जिसके कारण मूर्ति बनाने वाले कुम्हार का व्यापार भी पूरी तरह से प्रभावित होने लगा है। कुम्हारों को लगा था कि इस बार कुछ अच्छी कमाई हो जाएगा, लेकिन बिहार सरकार द्वारा 6 फरवरी तक प्रतिबंधों को बढ़ा दिए जाने के कारण उनके मंसूबे पर पानी फिर गया। जिससे मूर्तिकारों के सामने रोजी-रोटी की बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। आपको बता दें कि कादिरगंज में बड़े पैमाने पर मूर्ति का कारोबार होता है।सरस्वती पूजा भी इस बार कोरोना का भेट चढ़ गया है। जिसके कारण मूर्ति बनाने वाले कुम्हार का व्यापार भी पूरी तरह से प्रभावित होने लगा है। कुम्हारों को लगा था कि इस बार कुछ अच्छी कमाई हो जाएगा, लेकिन बिहार सरकार द्वारा 6 फरवरी तक प्रतिबंधों को बढ़ा दिए जाने के कारण उनके मंसूबे पर पानी फिर गया। जिससे मूर्तिकारों के सामने रोजी-रोटी की बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। आपको बता दें कि कादिरगंज में बड़े पैमाने पर मूर्ति का कारोबार होता है।सरस्वती पूजा भी इस बार कोरोना का भेट चढ़ गया है। जिसके कारण मूर्ति बनाने वाले कुम्हार का व्यापार भी पूरी तरह से प्रभावित होने लगा है। कुम्हारों को लगा था कि इस बार कुछ अच्छी कमाई हो जाएगा, लेकिन बिहार सरकार द्वारा 6 फरवरी तक प्रतिबंधों को बढ़ा दिए जाने के कारण उनके मंसूबे पर पानी फिर गया। जिससे मूर्तिकारों के सामने रोजी-रोटी की बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। आपको बता दें कि कादिरगंज में बड़े पैमाने पर मूर्ति का कारोबार होता है।