बिहारराजनीति

एक बार फिर जुमलेबाजी करके चले गए गृहमंत्री अमित शाह : चित्तरंजन गगन

पटना । राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने गृहमंत्री के बिहार दौरे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद गृहमंत्री अमित शाह आज पांचवीं बार बिहार आए और पिछले दौरों की तरह इस बार भी झूठ की झड़ी लगा कर चले गए।

राजद प्रवक्ता ने कहा कि लखीसराय में गृहमंत्री ने अपने उन्हीं जुमलों को एक बार फिर दोहराने का काम किया है जिसे उन्होंने अपने पिछले चार दौरों के दौरान बोला था। गृहमंत्री द्वारा बिहार के सरकार द्वारा किए गए कामों को ही अपनी उपलब्धि बताकर लोगों से ताली पीटवा रहे थे। और इतना झूठ केवल भाजपा के नेता ही बोल सकते हैं। उनके भाषण का लोग मजाक ही उड़ा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अपने उपलब्धियों की सूची में आरा के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय का नाम भी जोड़े हुए थे जिसकी स्थापना राजद शासनकाल में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा की गई थी। इसी प्रकार मुंगेर में इन्जिनियरिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज का नाम भी उनके उपलब्धियों की सूची में शामिल था। नल-जल-योजना जो राज्य की महागठबंधन सरकार के सात निश्चय की एक महत्वाकांक्षी योजना है उसे वे अपनी उपलब्धि बता रहे थे।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि 70 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने की योजना को वे अपनी उपलब्धि बता रहे थे जबकि यह यूपीए सरकार द्वारा लागू किए गए खाद्य सुरक्षा कानून के कारण केन्द्र सरकार की बाध्यता है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि 2022 तक सभी को पक्का मकान और किसानों की आय दोगुनी करने के वादे पर एक शब्द भी नहीं बोले। प्रतिवर्ष दो करोड़ नौजवानों को नौकरी और सभी के खाते में 15-15 लाख रुपया भेजने के वादे को तो वे पहले हीं जुमला बता चुके हैं।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि अपने भाषण में पुलवामा हमले की चर्चा करते हुए यह नहीं बता पाए कि वहां विस्फोटक कैसे पहुंचा साथ हीं तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उस घटना के सम्बन्ध में जो रहस्योद्घाटन किया था उस पर एक शब्द नहीं बोले।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद पहले से हीं परेशान और डरी हुई भाजपा की चिंता और बौखलाहट 23 जून को पटना में हुए गैर भाजपा दलों के ऐतिहासिक बैठक के बाद और भी ज्यादा बढ़ गई है जिसकी झलक आज गृहमंत्री के भाषण और उनके हाव-भाव में स्पष्ट रूप से दिख रही थी।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि अपने भाषण में प्रधानमंत्री के विदेश दौरे का बखान करने वाले गृहमंत्री जी ने एक बार भी मणिपुर की चर्चा करना उचित नहीं समझा। बिहार के कानून व्यवस्था पर टिप्पणी करने के पहले उन्हें मणिपुर की चर्चा करनी चाहिए थी जहां उनकी सरकार है। बिहार के कानून व्यवस्था पर बोलने के पहले उन्हें देश की राजधानी दिल्ली सहित अपने भाजपा शासित राज्यों की कानून व्यवस्था का आंकड़ा भी देख लेना चाहिए था। भ्रष्टाचार की चर्चा करते समय उन्हें यह भी बताना चाहिए था कि उनके पास ऐसा कौन सा वाशिंग मशीन है जिसमें धूलकर सारे भ्रष्टाचारी सदाचारी बन जाते हैं।

 

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