
पटना। राज्य सरकार द्वारा जातीय गणना के दौरान निषादों को 15 जातियों में बांटकर गणना करने का मुद्दा गर्माने लगा है। वीएसपी के प्रधान महासचिव प्रेम कुमार चौधरी ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा बिहार की जा रही जाति जनगणना में निषादों को 15 जातियों में बांटकर कर अलग-अलग कोड निर्धारित किया गया है,निषादों की ताकत को कमजोर करने की यह एक सरकार की गहरी राजनीतिक साजिश है। सरकार द्वारा बांटी गई, सभी 15 जातियाँ निषादों की है,जबकि वैश्यों एवं यादवों की सभी जाति को एकीकृत किया गया है।
उन्होंने कहा कि इस जातीय गणना में वैश्य एवं यादव को एक कोड के अंतर्गत रखा गया है। जातीय जनगणना की कोडिंग के मामले में विरोध स्वरूप विकाशशील स्वराज पार्टी के सक्रियता के बाद, तथाकथित ठग ऑफ मल्लाह सिंडीकेट के कुछ नेताओ की चेतना जागी हैं, जिसे समाज अच्छी तरह पहचान रहा हैं। अब उन्हें सामाजिक दायित्व का ख्याल आ रहा हैं। जबकि अपने पूर्व के मूल दायित्व का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। और अक्षम रहे हैं।जबकि नवगठित सीएसपी पार्टी समाज हित के मुद्दों को लेकर लगातार आगे आ रही हैं, जिसे समाज का समर्थन भी मिल रहा हैं। तब से ठग ऑफ मल्लाह समूह के तथाकथित नेताओं को अपने जाति की मुद्दों की चिंता होने लगी है, और अपनी दुकानदारी बचाने की जुगत लगा रहें हैं, लेकिन समाज का इन तथकथित ठग नेताओं पर भरोसा नहीं रहा, समाज ने निर्णय ले लिया हैं,और विकासशील स्वराज पार्टी को अपनी ताकत प्रदान कर रहा है। जिससे वीएसपी पार्टी समता मूलक विकसित समाज का निर्माण करेगी। और लगभग तीन दशकों से हमारी ताकत ( अतिपिछड़ा समाज ) के बल पर शासन कर रहे राजनीतिक पार्टियों को दरकिनार कर नया बिहार का निर्माण करेगी।