पटना। भाकपा-माले राज्य कार्यालय, पटना में पार्टी के केंद्रीय कन्ट्रोल कमीशन के चेयरमैन रहे और ‘समकालीन लोकयुद्ध’ के पूर्व संपादक का. बृज बिहारी पांडे की दूसरी बरसी पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई.
श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए पार्टी राज्य सचिव का. कुणाल ने कहा कि आज जब भाजपा देश की जनता पर नए तरीके से राजनीतिक- सामाजिक-आर्थिक- साँस्कृतिक गुलामी थोप रही है, लोकतांत्रिक मूल्यों व संस्थाओं को ख़त्म कर फासीवादी शासन स्थापित करने की लगातार कोशिशें कर रही हैं; इस गम्भीर चुनौती से निपटने में का. बी बी. पांडेय हमारे लिए हमेशा प्रेरणा के स्रोत बने रहेंगे.
उन्होंने विषम से विषम परिस्थितयों का भी असीम धैर्य के साथ सामना किया और राजनीतिक-सामाजिक बदलाव के संघर्ष को जारी रखा. उनका यह विशिष्ट पहलू हमें अथाह ऊर्जा से भर देता है और फासीवाद को हराने का विश्वास पैदा करता है. फासीवाद को मुकम्मल तौर पर पराजित करने के लिए हमें बी.बी. पांडेय की ही तरह धैर्य के साथ लगातार आगे बढ़ते रहने का गुण सीखना चाहिए.
का. बी. बी. पांडे कानपुर में स्कूली शिक्षा खत्म करने के बाद 1966 में दुर्गापुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गए थे, तब वियतनाम के मुक्ति संग्राम और नक्सलबाड़ी के किसान विद्रोह का दौर था, जब अधिकांश संवेदनशील छात्रों ने पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में क्रांतिकारी आंदोलन में शामिल होने के लिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ दी थी. इसमें का. विनोद मिश्रा, डी.पी. बख्शी और बी.बी. पांडे की मशहूर तिकड़ी ने पार्टी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बी.बी. पांडे ने लंबे समय तक ‘समकालीन जनमत’ और पार्टी के मुखपत्र ‘लोकयुद्ध’ के संपादक रहने के साथ केंद्रीय कंट्रोल कमीशन के चैयरमैन की बखूबी जिम्मेदारी आखिरी सांस तक निभाई.
सभा का संचालन समकालीन लोकयुद्ध के उपसंपादक और बी. बी. पांडे के सहकर्मी रहे का. प्रदीप झा ने किया. समकालीन लोकयुद्ध के संपादक संतोष सहर, पटना महानगर के सचिव अभ्युदय, कमलेश शर्मा, समता राय आदि वक्ताओं ने भी बी. बी. पांडे के संस्मरणों को साझा किया.
मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता राजाराम, विभा गुप्ता, संतलाल, मुर्तजा अली, मनमोहन, कुमार दिव्यम, विनय कुमार, प्रमोद यादव, विश्वमोहन, आशीष कुमार, रिया, रूनझुन सहित अनेक लोग उपस्थित थे.