पटना
2 अक्टूबर 2024 गांधी जयंती के अवसर पर वक्फ संशोधन बिल-2024 के खिलाफ एक विशाल प्रदर्शन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के अल्पसंख्यक विंग ऑल इंडिया तंजीम-ए-इंसाफ बिहार के समर्थन में कामरेड गुलाम सरवर आजाद ने इस बिल को असंवैधानिक और अनुच्छेद 300(क) का उल्लंघन बताते हुए गंभीर चिंता जताई।
उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ मुसलमानों का नहीं, बल्कि सम्पूर्ण संवैधानिक अधिकारों से जुड़ा है। आजाद ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह वक्फ की संपत्तियों को निजी हाथों में सौंपने की साजिश कर रही है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बयान को लेकर आपत्ति जताई और सौहार्द बिगाड़ने वाला बयान बताया ।
उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे किसानों के हितों की आड़ में तीन काले कानून लाए गए थे। अब वक्फ एक्ट में सुधार के नाम पर असल उद्देश्य वक्फ की संपत्तियों का व्यवसायीकरण करना है। उन्होंने आम जनता को चेतावनी दी कि यदि यह बिल लागू होता है, तो पूर्वजों की संपत्ति पर अधिकार समाप्त हो जाएगा।
आजाद ने यह भी याद दिलाया कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व महासचिव कामरेड सी. राजेश्वर राव ने 1974 में वक्फ की संपत्तियों के संरक्षण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पांच सूत्री मांग पत्र दिया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान वक्फ एक्ट में सुधार आवश्यक है, लेकिन प्रस्तावित संशोधन बिल को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।