लोगों को लुभा रही है मधुबनी और भागलपुर की खादी
आरा। बाबू वीर कुंवर सिंह मैदान में बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा लगाए गए खादी मेला सह प्रदर्शनी में लोगों को बिहार के अलग-अलग जिलों की खादी लुभा रही है। मधुबनी और भागलपुर जिला की कई खादी संस्थाएं प्रदर्शनी में हिस्सा ले रही हैं। इनके खादी लोगों को विशेष तौर पर पसंद आ रही है। भागलपुर की संस्थाओं में कस्तूरबा खादी ग्राम उद्योग समिति, करण सिल्क खादी समिति, रेशम खादी सहयोग समिति,फरहान खादी समिति, रेशम सिल्क खादी समिति, भागलपुर खादी सिल्क समिति, चंपापुरी रेशम बुनकर सहयोग समिति, अंग सिल्क खादी ग्रामोद्योग संस्थान, सजौर खादी सिर्फ संस्थान, लक्ष्मी नगर ग्राम उद्योग सहयोग समिति, नाथ नगर ग्राम उद्योग सहयोग समिति, नवगछिया खादी ग्रामोद्योग संघ, ताना-बाना सिल्क उद्योग जैसी संस्थाओं द्वारा बनाए गए रेशम खादी को मेला में आने वाले लोग खूब पसंद कर रहे हैं।
इन समितियों के सदस्य ग्राहकों को रेशम के विभिन्न किस्म और रेशम उत्पादन की प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दे रहे हैं। आरा खादी मेला में भाग लेने वाली मधुबनी के संस्थाओं में कलावती खादी ग्रामोद्योग संस्थान, भगवानपुर खादी ग्रामोद्योग संस्थान, पसमांदा ग्रामीण विकास संस्थान, कुलूसुम मेमोरियल खादी विकास संस्थान, राजीक खादी ग्राम उद्योग संघ, मिथिला खादी ग्रामोद्योग और बुनकर संघ, नासिर अली एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट तथा भरौल खादी ग्राम उद्योग संघ द्वारा लगाए गए स्टालों पर मधुबनी की पारंपरिक खादी की बिक्री की जा रही है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मधुबनी की खादी डॉ राजेंद्र प्रसाद से लेकर मौलाना मजहरूल हक तक अनेक स्वतंत्रता सेनानियों की प्रथम पसंद हुआ करता था। मधुबनी खादी के माध्यम से लोग उसी समृद्ध विरासत को फिर से महसूस कर रहे हैं। बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी दिलीप कुमार ने बताया कि खादी मेला में पूरे बिहार के अलग-अलग जिलों की खादी संस्थाओं की भागीदारी है। मेला में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत लाभ पाने वाले अनेक नए उद्यमियों के उत्पादों को भी प्रदर्शनी और बिक्री के लिए रखा गया है। उन्होंने बताया कि बोर्ड द्वारा इस वर्ष मोतिहारी, गया, कैमूर और पूर्णिया के बाद आरा शहर में खादी मेला लगाया गया है।