मुंगेर डीएम ने भूमि विवाद सुलझाने को लेकर की आवश्यक बैठक
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लालमोहन महाराज, मुंगेर
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से संबंधित समीक्षा बैठक सोमवार को जिलाधिकारी नवीन कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में भूमि विवाद से संबंधित वादों की अनुमंडल एवं अंचलवार अद्यतन स्थिति की जानकारी ली गयी। इस मौके पर पुलिस अधीक्षक जगुनाथ जलारेड्डी, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता, सभी अंचलाधिकारी सहित संबंधित एसएचओ आदि उपस्थित थे।
जिलाधिकारी ने कहा कि भूमि विवाद के मामले को संबंधित अंचलाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारियों द्वारा सही ढंग से नहीं सुलझाये जाने वाले मामले जिलाधिकारी के जनता दरबार या पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में आ रहे हैं। इसमें सुधार करने की सख्त जरूरत है। भूमि विवाद न हो इस पर विशेष ध्यान रखें। यदि आशंका हो कि संबंधित पक्षों द्वारा भूमि विवाद को बढ़ावा दिया जा सकता है तो संबंधित पक्षों के खिलाफ 107 अथवा 144 के तहत कार्रवाई करें और उन्हें लगातार निर्धारित तिथि पर उपस्थित कराएं, वो खुद विवाद से पीछे हटेंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भूमि विवाद की जानकारी रखें और विवाद किस वजह से हो रहा उसे भी संज्ञान में रखें। विवाद के कारण कितनों के खिलाफ 107 की कार्रवाई हुई है, उसकी भी अद्यतन स्थिति की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने अंचलाधिकारी और एसएचओ के कार्यकलाप पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि यदि वे अंचल स्तर पर ही मामले को निष्पादन कर लें या उस पर स्थानीय स्तर पर ही कार्रवाई कर लें तो वो मामला जिला स्तर तक नहीं आएगा और न ही उसमें किसी भी प्रकार की कोई विवाद आगे बढ़ेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि यदि जरूरत पड़े तो दोनों पक्षों को बुलाकर समझाएं और उन्हें बताएं कि संबंधित भूमि विवाद से उन्हें न तो कोई फायदा है और न ही वो इससे उक्त जमीन पर कब्जा ही कर सकेंगे। जो सरकारी जमीन है और पक्ष द्वारा उस जमीन को अपने कब्जे में करने को लेकर विवाद कर रहे हैं तो वह जमीन हर हाल में सरकार की ही होगी और उस पर किसी की भी दखल नहीं हो सकती। इस तरह की पहल से भी लोग यदि समझ जाएं तो मामले में विवाद नहीं होगा और लोग इस मामले को तूल नहीं देंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को सबसे पहले भूमि की सही जानकारी उपलब्ध कराएं, यदि वो दोनों विवादित जमीन पर कब्जा को लेकर विवाद कर रहे हैं तो उन्हें समझाएं कि जमीन की स्थिति क्या है और वास्तव में जमीन जिसका है उन्हें ही मिलेगा, इस लिए विवाद करने से कोई फायदा नहीं। उन्होंने सभी एसएचओ और अंचलाधिकारियों को 107 और 144 के तहत हर हाल में कार्रवाई करने का निर्देश दिया, ताकि इससे विवाद गहराए नहीं। इसके बावजूद भी लोग अगर विवाद करें तो दोनों पक्षों को गिरफ्तार कर उचित कार्रवाई करें।
वहीं राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जिले में विभिन्न योजनांतर्गत बनने वाले सरकारी विद्यालयों, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों सहित अन्य सरकारी भवनों हेतु भूमि चिन्हित करने तथा उसके निर्माण कार्य में आने वाली समस्याओं की जानकारी ली। जिले में सात अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए भूमि चिन्हित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यदि भूमि चिन्हित है तो उस पर निर्माण कार्य प्रारंभ करें, ताकि विभाग द्वारा आवंटित राशि का उपयोग हो सके और आमजनों हेतु बनने वाले अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का लाभ उन्हें मिल सके। सहकार भवन हेतु जमीन नहीं मिलने की जानकारी मिलने पर उन्होंने तत्काल संबंधित पदाधिकारियों को जमीन चिन्हित करने का निर्देश दिया। वकालत खाना निर्माण के लिए चिन्हित भवन के अतिक्रमणकारियों को हटाने का निर्देश दिया गया। इसके अलावे जमालपुर अंचल अंतर्गत 16 सरकारी आवासों के लिए जमीन उपलब्ध नहीं होने की सूचना पर संबंधित पदाधिकारियों को इसकी जांच कर जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। जमालपुर, तारापुर, टेटियाबंबर, असरगंज में स्टेडियम निर्माण हेतु भूमि चिन्हित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सरकारी जमीन भी बहुत है, उसकी जांच कर चिन्हित करें और निर्माण हेतु उपलब्ध कराएं।